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Sanjai Nirupam : संजय निरूपम ने कांग्रेस पर निकाली भड़ास, कहा-पार्टी में एक नहीं पांच पावर सेंटर

Sanjai Nirupam : कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए संजय ने कहा कि मेरा मानना है पार्टी ने एक ए-4 साइज का पेपर बर्बाद कर दिया। कांग्रेस के लोग ही कहते हैं कि पार्टी वैचारिक तौर पर दिशाहीन है। लेकिन कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो संरचनात्मक रूप से भी बिखरी हुई पार्टी है।

नई दिल्ली। कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद पूर्व सांसद संजय निरूपम ने जमकर भड़ास निकाली। निरूपम ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि मुझे कांग्रेस से निष्कासित नहीं किया गया मैंने तो पहले ही पार्टी छोड़ दी थी। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मानना है पार्टी ने एक ए-4 साइज का पेपर बर्बाद कर दिया। कांग्रेस के लोग ही कहते हैं कि पार्टी वैचारिक तौर पर दिशाहीन है। लेकिन कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो संरचनात्मक रूप से भी बिखरी हुई पार्टी है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस में एक ही पावर सेंटर हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं। अब यहां कई पावर सेंटर हो गए हैं। संजय निरुपम बोले, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और के.सी. वेणुगोपाल सभी के अपने अलग-अलग शक्ति केंद्र हैं और ये लॉबी एक-दूसरे के खिलाफ अपनी ताकत का इस्तेमाल करती रहती है। मैं और मेरे जैसे लोग इस लॉबी के चलते परेशान रहते हैं।

संजय ने आरोप लगाया कि पार्टी में ऐसे कई लोग हैं जिनका कोई राजनीतिक जनाधान नहीं है लेकिन गांधी परिवार और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ जुड़कर वो अचानक हाईकमान बन गए। इतना ही नहीं इन नए-नए हाईकमान बने लोगों की भाषा ऐसी असभ्य है जो मैं आपके सामने बता भी नहीं सकता। आपको बता दें कि ये सारा विवाद मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट को लेकर है जहां से संजय निरुपम खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी ने अमोल कीर्तिकर को वहां से उम्मीदवार बना दिया। इसी के बाद संजय ने अमोल पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए शिवसेना यूबीटी पर भी निशाना साधा था। इसके बाद कांग्रेस की ओर से संजय निरूपम का नाम लोकसभा चुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया गया और उनपर कार्रवाई की बात कही गई। इसके जवाब में कल ही संजय ने कहा था कि कांग्रेस मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करें बल्कि अपनी बची खुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी,वह आज पूरी हो गई है। कल मैं खुद फैसला ले लूँगा।