नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में लगी चोट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि, चोट लगने के मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाय। बता दें कि इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सर्वोच्च अदालत ने इस यातिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है और साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट जाने को कहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज याचिकाकर्ता से कहा कि, आप कलकत्ता हाई कोर्ट जाएं। वहीं याचिका में कहा गया था कि ममता बनर्जी के साथ हुई दुर्घटना का मामला पूरी तरह से संदिग्ध है। इसमें चुनाव प्रचार के दौरान बड़े नेताओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं। ऐसे में इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
बता दें कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में 3 वकीलों- शुभम अवस्थी, आकाश शर्मा और सप्त ऋषि मिश्रा ने याचिका दाखिल की थी। 3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने याचिका की सुनवाई करने की शुरुआत में साफ कर दिया किया इस मामले में याचिकाकर्ता कलकत्ता हाईकोर्ट जाएं। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट ऐसी मांग को सुनने में सक्षम है। यह याचिका वहां दाखिल होनी चाहिए थी।
सीबीआई जांच को लेकर दायर की गई याचिका की पैरवी कर रहे वकील विवेक नारायण शर्मा ने कहा कि मामले को तुरंत सुने जाने की ज़रूरत है क्योंकि अभी बंगाल में चुनाव चल रहे हैं। यह मामला चुनाव के संचालन से ज्यादा है। शर्मा ने कहा कि यह पूरा मामला संदिग्ध है। 10 मार्च को इसे हमला बताया गया, फिर दुर्घटना और अब ममता आराम से पैर हिलाती हुई देखी जा सकती हैं. चीफ जस्टिस ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, “यह बातें हमारे सामने मत रखिए। आप हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कीजिए।”