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Rajasthan: कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर रुष्ट, भ्रष्ट मंत्री को पद से हटाने के लिए की मांग

Congress : 16 मार्च को भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्री को पद मुक्त करने की मांग की है। भरत सिंह ने पत्र में लिखा कि”आपको इस बात की जानकारी है कि समाज में अधिकारियों व नेताओं द्वारा किये भ्रष्टाचार के खिलाफ में लगातार लिखता रहा हूँ।

नई दिल्ली। जहां एक तरफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में पांच राज्यों के चुनाव में मिली करारी हार के बाद से बड़ी उथल पुथल चालू है। वहीं, राजस्थान में भी सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा। एक तरफ सदन में सभापति, मंत्री एवं कांग्रेसी विधायकों में टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है, तो दूजी और वर्तमान विधायक ही वर्तमान मंत्री को भ्रष्टाचार में रिकॉर्ड धारी बता रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए आने वाला समय काफी संकटप्रद हो सकता है।कोटा संभाग के सांगोद से वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री भरत सिंह ने बिना नाम लिए इशारों-इशारों में ही गहलोत सरकार के एक मंत्री पर निशाना साधते हुए, उसको भ्रष्टाचारी बताया तथा उसे तुरंत पदमुक्त करने की मांग कर अशोक गहलोत सरकार एवं राज्य कांग्रेस में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। जहां एक तरफ अशोक गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस के ही सीनियर विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री भरत सिंह लगातार अपनी ही सरकार में मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर सरकार की पोल खोल रहे हैं।

16 मार्च को भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्री को पद मुक्त करने की मांग की है। भरत सिंह ने पत्र में लिखा कि”आपको इस बात की जानकारी है कि समाज में अधिकारियों व नेताओं द्वारा किये भ्रष्टाचार के खिलाफ में लगातार लिखता रहा हूँ। A.C.B द्वारा पकडे गए भ्रष्ट अधिकारियों को पकडे जाने पर नौकरी से बर्खास्त करने की आवश्यकता है। भ्रष्ट मंत्रियों को पद मुक्त किया जावे. कोटा संभाग के एक मंत्री ने भ्रष्टाचार में सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है। इनकी फाइल व शिकायत A.C.B में पेंडिंग है। कृपया फाइल मंगवाकर अवलोकन करे व अवलोकन बाद इस भ्रष्ट मंत्री को पद मुक्त करे. “खान कि झोपड़िया”को कोटा के स्थान पर बारां जिले में बनाये रखना सीधा-सीधा अवैध खनन करने की खुली छूट प्रदान करना है।”

विधायक भरत सिंह ने आगे मुख्यमंत्री से भावुक अपील करते हुए पत्र में लिखा कि ” मैं अपना विरोध मौन रह कर प्रकट कर रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ कि आपकी गाँधी आत्मा इस आवाज को सुन सकेगी।” विधायक भरत सिंह ने इससे पहले भी कई बार अपनी ही सरकार के मंत्रियों के ऊपर भ्रष्टाचार को समर्थन करने के गंभीर आरोप लगाए और सरकार को कार्यवाही के लिए पत्र लिखा था, लेकिन भ्रष्टाचार पर सुस्त रवैये दिखाने वाली गहलोत सरकार ने उन पत्रों को ठन्डे बस्ते में डाल दिया था।