गोरखपुर। शनिवार को गोरखपुर के प्रतिष्ठित जीएन पब्लिक स्कूल की एक टीचर शादाब ख़ानम द्वारा व्हाट्एसएप ग्रुप में इग्लिश में नाउन समझाने के लिए पाठ्य सामग्री में पाकिस्तान के महिमा मंडन वाले कई उदाहरण दिए गए जिसके बाद हंगामा मच गया। बच्चों के अभिभावकों ने इसपर अपना विरोध जताया और कार्रवाई की मांग की।
आपको बता दें कि जीएन पब्लिक स्कूल की एक टीचर शादाब ख़ानम ने कक्षा चार की ऑनलाइन क्लास में बच्चों को NOUN (संज्ञा) के कुछ उदाहरण वॉट्सऐप ग्रुप पर भेजे। इन उदाहरणों में पाकिस्तान को महिमा मंडित किया गया था। जिन्हें देखते ही कई बच्चों के अभिभावकों ने गंभीर आपत्ति जताई। शादाब ख़ानम ने संज्ञा के जो उदाहरण भेजे थे, उनमें से कुछ इस प्रकार थे- ‘पाकिस्तान इज़ आवर डियर होमलैंड’, ‘आई विल ज्वॉइन पाकिस्तान आर्मी’, ‘राशिद मिन्हाज़ वॉज़ ए ब्रेव सोल्जर’।
शादाब खानम निलम्बित
इन उदाहरणों को देखकर न सिर्फ़ अभिभावकों ने ऐतराज़ जताया, बल्कि स्कूल प्रबंधन ने भी आपत्ति जताई और कार्रवाई में शादाब खानम को निलम्बित कर दिया। फिलहाल इस मामले में खानम की जांच शुरू हो गई है, जबकि महिला टीचर का कहना है कि उन्होंने ग़लती से ऐसा किया और इसके लिए माफ़ी भी मांग ली है।
शादाब खानम का कहना है कि, “पढ़ाई के लिए अध्ययन सामग्री और उदाहरण को इंटरनेट से कॉपी करके बच्चों के लिए व्हाट्स एप ग्रुप पर डाल दिया था। सिर्फ मानवीय भूल के चलते ऐसा हुआ। मेरी मंशा बच्चों के मन में राष्ट्र विरोधी मानसिकता को बढ़ाने की नहीं थी और न कभी रहेगी। यहीं पैदा हुई, यहीं पली बढ़ी हूं। भारतीय होने पर गर्व है। 11 साल से स्कूल में पढ़ा रही हूं। उदाहरण के लिए अध्ययन सामग्री को कॉपी करके डाला जरूर, लेकिन उसे नहीं देख सकी। यही सबसे बड़ी गलती थी। क्लास के लिए लेट हो रहा था। व्हाट्स एप ग्रुप पर सबसे माफी मांग ली है।”
इस मामले को लेकर जीएन नेशनल स्कूल डायरेक्टर गोरख सिंह ने कहा कि, “किसी व्यक्ति की योग्यता देखकर उसे विद्यालय परिवार का हिस्सा बनाया जाता है। उनके मन में क्या चल रहा है, ये पता लगा पाना बेहद मुश्किल है। शिक्षिका ने व्हाट्सएप गुप पर भ्रामक उदाहरण डाला था, इसकी शिकायत मिली थी। छानबीन में मामला सही मिला है। शिक्षिका गलती भी मान रही हैं, लेकिन इससे गलत काम सहीं नहीं हो जाता है। शिक्षिका को तत्काल नोटिस जारी किया गया है। बच्चों के कोमल मन में जहर घोलने वाले किसी शिक्षक के लिए विद्यालय में कोई जगह नहीं है। उनका जितना वेतन बनेगा, उसका भुगतान करके स्कूल से बर्खास्त किया जाएगा। यह कार्रवाई दूसरे शिक्षकों के लिए नजीर बनेगी।”
दरअसल, लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच शहर के पब्लिक स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। इसके लिए व्हाट्सएप या फिर वेबकास्ट ग्रुप बने है।