लखनऊ। सपा के नेता और जेल में बंद यूपी के विधायक आजम खान को एक और झटका लगा है। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने रामपुर जिले की उन वक्फ संपत्तियों को एक बार फिर नवाब खानदान को सौंप दी हैं, जिन्हें नियम विरुद्ध आजम खान के करीबियों को दे दिया गया था। इन संपत्तियों का मुतवल्ली यानी केयरटेकर नवाबजादा हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां को बनाया गया है। शिया वक्फ बोर्ड ने पाया था कि ये सारी संपत्तियां वक्फ के तहत आती हैं। आजम खान के अखिलेश सरकार में मंत्री रहते संपत्तियों को उनके चहेतों को दिया गया था। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अली जैदी के मुताबिक दो महीने की जांच में सारी अनियमितता का पता चला। सिर्फ संपत्ति ही नहीं, वित्तीय अनियमितताएं भी की गईं। वक्फ संपत्तियों के लिए बैंक खाते नहीं खोले गए और जिन्हें ये दी गई थीं, वे संपत्तियों के जरिए नकद वसूली कर रहे थे।
शिया वक्फ बोर्ड के मुताबिक इन संपत्तियों के केयरटेकर नवाब खानदान के वंशज हो सकते हैं। जबकि, आजम खान ने मंत्री रहते वक्फ बोर्ड के तब अध्यक्ष रहे वसीम रिजवी के जरिए संपत्तियों को अपने चहेतों को दिया था। आजम खान से तीन बार बोर्ड ने जवाब मांगा था, लेकिन वो जवाब नहीं दे सके थे। इस पर कार्रवाई की गई है। जिन संपत्तियों को आजम खान के चहेतों से वापस लिया गया है, उनमें हुसैनी सराय, कर्बला शरीफ इमामबाड़ा किला, वक्फ बहू बेगम साहिबा, मकाबिरुल मोमेनीन, वक्फ नवाब मोहम्मद सईद खान और वक्फ नवाब मेंहदी अली खान है।
नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां की तरफ से बताया गया है कि सारी संपत्तियां पीढ़ी के हिसाब से उनकी ही हैं। आजम खान ने नियम विरुद्ध करीबी लोगों को संपत्ति दे दी थी। साथ ही नवाब पर मुकदमा भी करा दिया था। जिन हमजा मियां को केयरटेकर यानी मुतवल्ली बनाया गया है, वो नवेद मियां के पौत्र हैं। बता दें कि हमजा हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सहयोगी अपना दल में शामिल हुए थे। उन्होंने स्वार सीट से आजम के बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था।