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Maharashtra: विधायकों के बाद अब सांसदों ने फूंका उद्धव के खिलाफ बगावत का बिगुल, हो सकती है BJP की बल्ले-बल्ले

सांसदों में भी आगामी दिनों में फूट देखने को मिल सकती है। उद्धव गुट के कई सांसद आगामी दिनों में बीजेपी के पाले में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले उद्धव गुट के कई पार्षद बीजेपी की दामन थाम चुके हैं, लेकिन अगर शिवसेना के सांसदों ने बीजेपी के खेमे में शामिल हुए तो यह महाराष्ट्र में शिवसेना के लिए बहुत बड़ी क्षति साबित हो सकती है।

नई दिल्ली। जरा ध्यान दीजिएगा…मौजूदा वक्त में शिवसेना के पास कुल 19 सांसद हैं। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सांसदों की बैठक बुलाई थी, जिसमें शिवसेना के 19 में से महज 10 सांसद ही शामिल हुए , बाकी के नदारद रहें, जबकि उद्धव की तरफ से विशेष निर्देश जारी किया गया था कि सभी का बैठक में शामिल होना अनिवार्य है, लेकिन सांसदों ने बैठक में शामिल न होकर जिस तरह उद्धव ठाकरे को ठेंगा दिखाया है, उसे लेकर अब मुख्तलिफ मसलों पर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। माना जा रहा है कि उद्धव गुट के कई सांसद आगामी दिनों में बीजेपी के खेमे में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो लोकसभा चुनाव में शिवसेना की दुर्गति तय है। आपको बता दें कि पार्टी की आगामी रूपरेखा तय करने के लिए उद्धव ठाकरे ने अपने आवास मातोश्री में बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी के मसलों व हालिया दिनों में हुई उथल-पुथल को लेकर व्यापक चर्चा देखने को मिली थी। बता दें कि उद्धव द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने वाले सांसदों में गजानन कीर्तिकर, अरविंद सावंत, विनायक राउत, हेमंत गोडसे, धैर्यशील माने और राहुल शेवाले शामिल हैं, बाकी के नदारद ही रहें।

सांसदों में भी फूट

ध्यान रहे कि सांसदों में भी आगामी दिनों में फूट देखने को मिल सकती है। उद्धव गुट के कई सांसद आगामी दिनों में बीजेपी के पाले में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले उद्धव गुट के कई पार्षद बीजेपी का दामन थाम चुके हैं, लेकिन अगर शिवसेना के सांसद बीजेपी के खेमे में शामिल हुए, तो यह महाराष्ट्र में शिवसेना के लिए बहुत बड़ी क्षति साबित हो सकती है।

आखिर किस बात पर है रार?

दरअसल, शिवसेना के कई सांसद उद्धव ठाकरे को सलाह दे रहे हैं कि वे पार्टी की स्थिति को दुरूस्त करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए शिंदे से सुलह कर लें, लेकिन उद्धव को सांसदों द्वारा दी गई यह राय बिल्कुल भी रास नहीं आ रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए अब शिवसेना के कई सांसद बीजेपी के पाले में शामिल होने का मन बना चुके हैं और यह शायद उसी का नतीजा था कि आगामी दिनों में उद्धव गुट के कई सांसद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। खैर, अब इन सबके बीच यह देखना दिलचस्प रहेगा कि उद्धव ठाकरे पार्टी की अंतर्कलह के बीच क्या कुछ कदम उठाते हैं।

कैसे हुई सियासी रार की शुरुआत?

गौरतलब है कि सिवसेना में सबसे पहले एकनाथ शिंदे ने पार्टी के बागी नेताओं का सहारा लेकर उद्धव ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोलने का साहस किया था और बागी नेताओं ने भी उनका पूरा साथ दिया था। यह उसी की नतीजा है कि आज शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने में सफल रहे हैं। हालांकि, उद्धव ने शिंदे को मनाने की भरसक कोशिश की थी, लेकिन अफसोस उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिल पाई थी और यह ऐसा शायद इसलिए हुआ था, क्योंकि शिंदे उद्धव के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना चुके थे। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच क्या कुछ स्थिति देखने को मिलती है।