नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या और भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ अजमेर दरगाह के कुछ खादिमों की विवादित बोल ने होटल कारोबारी के साथ-साथ अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आने वाले लोगों की संख्या भारी गिरावट देखने को मिली है। इतना ही नहीं बकरीद के मौके पर भी दरगाह के आस-पास के इलाके सुने दिखाई दिए। इसके अलावा होटल और दरगाह के आसपास के इलाके में बुरा असर पड़ रहा है। इस बात खुद अजमेर दरगाह दीवान के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भी माना था।
इसी बीच दरगाह इलाके से लगातार आए विवादित बयानों और नारों के बाद अब दरगाह कमेटी ने सख्त हो गई है। दरअसल कमेटी ने अजमेर में व्यापारी और होटलों को हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए एक्शन में आई है। दरअसल दरगाह कमेटी के नाजिम शाहदान जेब खान की तरफ से सभी के लिए एक अपील दरगाह परिसर में तीन अलग-अलग स्थानों पर पोस्टर चिपकाकर की है।
इन पोस्टर में लिखा है कि, आप खासो आम से अपील की जाती है कि दरगाह परिसर में किसी भी तरह का बयान, नारा, प्रदर्शन, फोटो, वीडियो या कोई ऐसा कृत्य जो कि ख्वाजा गरीब की शिक्षाओं के खिलाफ हो या दरगाह शरीफ की आस्था और गरिमा को ठेस पहुंचाते हुए, घटित नहीं करें, अन्यथा आपके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
गौरतलब है कि नूपुर शर्मा और उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के बाद दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें सलमान चिश्ती नूपुर शर्मा का सिर काटने वाले को इनाम में अपना घर देने की बात कही थी। वहीं गौहर चिश्ती पर भी जुबान काटने जैसे नारे लगाने के आरोप लगे थे।