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बंगाल में जागा ममता सरकार का श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लिए ‘प्रेम’, 6 जुलाई को मनाएगी जयंती, आदेश जारी

Shyama Prasad Mukherjee: श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही ऐसे पहले शख्स थे जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का विरोध किया था और इसको लेकर उन्हें जेल तक का सफर करना पड़ा।

नई दिल्ली। 5 जुलाई को देशभर में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 120वीं जयंती मनाई जाएगी। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी अपने खुद के शासित राज्यों में कई कार्यक्रम आयोजित करेगी। बता दें कि भाजपा का श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति प्रेम जगजाहिर है, ऐसे में उसके द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर किए जा रहे कार्यक्रमों पर हैरत नहीं होती। लेकिन 6 जुलाई को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की तरफ से श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाए जाने को लेकर जारी हुए आदेश पर हर किसी को आश्चर्य है। दरअसल बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाए जाने को लेकर ममता सरकार की तरफ से आदेश जारी हुआ है। इसको लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि, राज्य सरकार 6 जुलाई, 2021 (मंगलवार) को सुबह 11.30 बजे कोलकाता मैदान के बीएनआर क्लब टेंट में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर उनकी जयंती मनाएगी।

जारी हुए आदेश में बताया गया है कि, फिरहाद हाकिम(परिवहन और आवास विभाग और अध्यक्ष, प्रशासक बोर्ड, कोलकाता नगर निगम) राज्य सरकार की तरफ से पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। बता दें कि इस दिन बंगाल सरकार की तरफ से जारी इस आदेश को लेकर बंगाल की राजनीति में काफी हलचल है। दरअसल श्यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा से अलग टीएमसी की विचारधारा है। इस विचारधारा को लेकर टीएमसी अक्सर भाजपा पर निशाना भी साधती रहती है। वहीं अब बंगाल सरकार की तरफ से श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर किए जा रहे कार्यक्रम ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है, खासकर भाजपा को।

कौन थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी

श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म कलकत्ता में 6 जुलाई 1901 को बंगाल के एक उच्च प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सर आशुतोष मुखर्जी था। जोकि महान अकादमिक और बैरिस्टर थे। उन्हें बंगाल का बाघ कहा जाता था। उनकी माता का नाम जोगमाया देवी था, जो उस समय की सबसे विदुषी महिलाओं में थी।

Shyama Prashad Mukherjee1

बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही ऐसे पहले शख्स थे जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का विरोध किया था और इसको लेकर उन्हें जेल तक का सफर करना पड़ा। जहां संदिग्ध परिस्थिति में उनकी मौत हो गई। कई मौकों पर पीएम नरेंद्र मोदी कहते रहे हैं कि वो जिस भारत की स्थापना में लगे हैं, वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी के ही सपनों का भारत है। उनके कई सपने आज साकार हो रहे हैं।