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Jammu-Kashmir: कांग्रेस को जोरदार झटका, गुलाम नबी आजाद के समर्थन में लगी इस्तीफों की झड़ी

Jammu-Kashmir: इसके अलावा सलमान निजामी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के लिए जो चुनाव समीति बनाई थी। इसको लेकर उनसे राय मशवरा भी नहीं लिया गया है। सलमान निजामी के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब ने भी कांग्रेस की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वालों की लिस्ट में नाम जुड़ गया है। आरएस चिब ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे त्याग पत्र में पार्टी पर हमला बोला है।

नई दिल्ली। कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लगे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया हैं। त्याग पत्र में उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लपटे में लिया। इतना ही नहीं आजाद ने राहुल गांधी अपरिपक्व बताया दिया। उन्होंने राहुल गांधी पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को अपमानित करने का भी आरोप लगाया। इसी बीच जम्मू-कश्मीर से कांग्रेस पार्टी को जोरदार झटका लगा है। गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा दिया है। आज़ाद के समर्थन में कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। खास बात ये है कि पार्टी का साथ छोड़ने वालों में वो 5 विधायक भी है जो भंग की गई विधानसभा में कांग्रेस से सदस्य थे।

इन पांच विधायकों के नाम है, जीएम सरूरी (GM Saroori), हाजी अब्दुल राशिद (Haji Abdul Rashid), मोहम्मद अमीन भट (Mohd Amin Bhat), गुलजार अहमद वानी (Gulzar Ahmad Wani) और चौधरी मोहम्मद अकरम (Choudhary Mohd Akram) के नाम शामिल है। कांग्रेस को भेजे इस्तीफे पत्र में इन पूर्व विधायकों ने साफ लिखा है कि उन्होंने गुलाम नबी आजाद के सपोर्ट में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे है।

इसके अलावा सलमान निजामी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के लिए जो चुनाव समीति बनाई थी। इसको लेकर उनसे राय मशवरा भी नहीं लिया गया है। सलमान निजामी के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब ने भी कांग्रेस की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वालों की लिस्ट में नाम जुड़ गया है। आरएस चिब ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे त्याग पत्र में पार्टी पर हमला बोला है।

इतना ही नहीं उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे पत्र में गुलाम नबी आजाद ने नेतृत्व पर आंतरिक चुनावों के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप भी लगाया है और ये भी कहा कि पार्टी को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है।