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Punjab Election: पंजाब में शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस में महाभारत, सिद्धू ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा “मुझे गिराने वाले…”

Punjab Election: चुनावी नतीजों में मिली करारी हार के बाद से ही पार्टी में पहले से ही गम का माहौल है। इस बीच अब एक बार फिर बगावती रूख अख्तियार करने वालें नवजोत सिंह सिद्धू ने ऐसा बयान दे दिया है जिससे पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती है।

नई दिल्ली। 10 मार्च को सामने आए विधानसभा चुनाव के नतीजों से पंजाब की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। एक ओर जहां देश की सबसे पुरानी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा तो वहीं दूसरी ओर देश की राजधानी से निकलकर पंजाब में किस्मत आजमाने वाली केजरीवाल की पार्टी AAP को प्रचंड जीत हासिल हुई। इस जीत के बाद से ही कांग्रेस की नैया अब डूबने के कगार में हैं। चुनावी नतीजों में मिली करारी हार के बाद से ही पार्टी में पहले से ही गम का माहौल है। इस बीच अब एक बार फिर बगावती रूख अख्तियार करने वालें नवजोत सिंह सिद्धू ने ऐसा बयान दे दिया है जिससे पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती है।

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अपने बयान में न सिर्फ सिद्धू ने चुनाव में सामने आए नतीजों के लिए जनता के फैसले को सही करार दिया बल्कि अपनी पार्टी (कांग्रेस) पर ही निशाना साध दिया। सिद्धू ने कहा, ‘यह बदलाव की राजनीति है। मैं पंजाब के लोगों को बधाई देता हूं कि उन्होंने इस तरह का अच्छा फैसला लिया है। पुरानी व्यवस्था को खत्म करके लोगों ने नई नींव रखी है। लोगों ने बड़ा बदलाव किया है और वे गलत नहीं हैं।’ वहीं, अमृतसर पूर्व सीट से जीवन ज्योत कौर (‘आप’ कैंडिडेट) के हाथों मिली हार को लेकर कहा कि, ‘मेरा लक्ष्य पंजाब का विकास करना है। मैं पंजाब के साथ खड़ा हूं और हमेशा साथ रहूंगा। जो भी पंजाब से प्यार करता है, वह हार और जीत की परवाह नहीं करेगा।’

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‘मेरे लिए गड्ढा खोदने वाले 100 गुना नीचे गिरे’

अपनी ही पार्टी और नेताओं पर हमलावर होते हुए सिद्धू ने कहा, ‘जिन लोगों ने नवजोत सिंह सिद्धू के लिए गड्ढा खोदने का काम किया था, वे 100 गुना नीचे जा गिरे। तीन से 4 मुख्यमंत्री हार चुके हैं। यह आपके कर्म ही हैं। जैसा आपने बोया था, वैसा ही काटेंगे।’ इशारों ही इशारों में राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए सिद्धू ने कहा, ‘मैं चरणजीत चन्नी के साथ अंत तक खड़ा रहा। वह मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी आए। लेकिन मैं इस डिटेल में नहीं जाना चाहूंगा कि पार्टी के फैसले को लोगों ने स्वीकार नहीं किया है। यह तो हाईकमान का फैसला था।’