newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

China on Rishi Sunak: ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री तो क्यों खौफ में आया चीन? आखिर किस बात का सता रहा है डर

China on Rishi Sunak: इतना ही नहीं, कई वैश्विक संगठन के दौरान ब्रिटेन चीन के रवैये की कड़े शब्दों में निंदा भी कर चुका है, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी शामिल है। मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते बेहद ही तनावपूर्व रहे हैं।

नई दिल्ली। ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए, तो भारत सहित अन्य देशों के रहनुमाओं ने उन्हें दिल खोलकर बधाई दी। ब्रिटेन में अब ऋषि राज का आग़ाज़ होने के बाद सर्वाधिक खुश अगर कोई है, तो वो भारत। वजह भी साफ है, क्योंकि उनका भारत से कनेक्शन है। भला जिस ब्रिटेन ने 200 वर्षों तक हमें (हिंदुस्तानियों) गुलामी की बेड़ियों से बांधकर रखा और आज जब समय का पहिया ऐसा घूमा कि वहां किसी भारतवंशी के राज का आगाज होने जा रहा है, तो ऐसी स्थिति में हर भारतीय का आनंद से प्रफुल्लित होना स्वाभाविक है। भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य देशों ने भी ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर खुशी जाहिर की है, लेकिन शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसा देश भी है, जो ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद खौफ में है। सधे हुए शब्दों में कहें तो उस देश की रातों की नींद हाराम हो चुकी है। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाए। अब उसकी हालत पस्त हो चुकी है। उसके पसीने छूट रहे हैं, लिहाजा अब वो खुद को महफूज रखने के लिए अजीबोगरीब तर्क दे रहा है। आइए, आगे हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन है वो देश।

King Charles के साथ मीटिंग के बाद ऋषि सुनक को आज नियुक्त किया जाएगा ब्रिटेन का प्रधानमंत्री - News24 Hindi

तो वो कोई और नहीं, बल्कि चीन है। जी हां…बिल्कुल सही पढ़ा आपने, ज्यादा मत चौंकिए। ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन इस कदर खौफ में है कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए। अभी कुछ दिनों पहले अमेरिका ने चीन को खरी खोटी सुनाई थी, जिसके बाद फिर ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए। ऐसे में चीन का खौफ दोगुना हो गया। ऋषि के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हो जाने के बाद उसे कई बातों का खौफ सता रहा है। चीन को डर है कि ऋषि तो अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन चुके हैं, तो ऐसे में लाजिमी है कि आगामी दिनों में ब्रिटेन और भारत के बीच रिश्ते अधिक मित्रवत होंगे। कई मोर्चों पर दोनों ही देशों के बीच रिश्ते प्रगाढ़ होंगे। दोनों ही देश एक-दूसरे के लिए हितकारी साबित होंगे। तो ऐसी स्थिति में इस बात की बिल्कुल संभावना है कि आगामी दिनों में भारत और अमेरिका एकजुट होकर चीन के खिलाफ मोर्चा भी खोल दें।

ऋषि सुनक की हिन्दू पहचान को लेकर विदेशी मीडिया में इतनी चर्चा क्यों - BBC News हिंदी

अगर ऐसा हुआ तो चीन के लिए दोहरी चुनौतियां मुंह बाए खड़ी रहेंगी। वैसे भी कोरोना काल के दौरान ब्रिटेन सहित अमेरिका चीन से बिफरे हुए हैं और वर्तमान में ना महज ब्रिटेन अपितु समस्त यूरोप भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, कोरोना काल में तत्कलीन वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने जिस तरह ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को संभालने की दिशा में अमूल्य योगदान दिया है, उसका पूरा ब्रिटेन कायल हो गया। ऋषि सुनक बेरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री के पद पर भी विराजमान रह चुके हैं। ध्यान रहे कि विगत दिनों हुए चुनाव में उनकी कार्यकुशलता को ध्यान में रखते हुए उन्हें ब्रिटेन के पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में भी खड़ा किया गया था, लेकिन वे लिज ट्रस के आगे हार गए थे, लेकिन शायद मुकदर ने यह पहले ही लिख दिया था कि इस बार ब्रिटेन में ऋषि का राज होकर रहेगा, तो मात्र 6 सप्ताह बाद लिज ट्रस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और फिर चुनाव हुए चुनाव हुए जिसमें ऋषि सुनक बाजी मारने में सफल रहे।

Sunak promises tax cuts as economy reels from soaring inflation and Ukraine war | The Independent

हालांकि, पीएम की रेस में कई प्रत्याशी शामिल थें, लेकिन प्रधानमंत्री पद का ताज ऋषि सुनक को ही मिलना था। सो दीवाली के मौके पर जैसे ही खबर आई कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने जा रहे हैं, तो हर भारतवंशी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं, भारत के अलावा भी कई देशों ने ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर खुशी जाहिर की है। यहां तक पाकिस्तान सरीखे मुल्क भी ऋषि सुनक से अपना कनेक्शन जोड़ रहे हैं। इसके बारे में हम आपको किसी दूसरी रिपोर्ट में विस्तार से बताएंगे।, लेकिन फिलहाल तो आपे यहां ऋषि के प्रधानमंत्री बनने से किस तरह चीन बिलबिलाया हुआ है, उसके बारे में जरा जान लीजिए।

क्या कहना है चीन का

दरअसल, चीन का कहना है कि बेशक ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं। उनके माता-पिता भारत मूलवंशी हैं, लेकिन अब भारतीय नहीं रहे, बल्कि वह एक ब्रिटिश नागरिक भी हैं, जो कि पूरी तरह ब्रिटेन के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके लिए ब्रिटेन की प्राथमिकता शीर्ष पर रहेगी। ब्रिटेन के हित उनके लिए शीर्ष पर रहेंगे। ऐसे में भारत का खुश होना कुछ समझ नहीं आ रहा है। भारत-चीन सीमा विवाद के विशेषज्ञों का कहना है कि ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन जाने से भारतवासियों को खुश होने की ज्यादा जरूरत नहीं है। चलिए, आगे जानते हैं कि आखिर चीन इस तरह की उलजुलूल बातें क्यों कर रहा है? आखिर इसके पीछे की वजह क्या है?

Xi Jinping News: शी जिनपिंग तीसरी बार बनेंगे चीन के राष्ट्रपति, कम्युनिस्ट पार्टी के बैठक में लगेगी फाइनल मुहर - xi jinping will become president of china for third time ...

जानिए क्या है चीन का डर?

दरअसल, जिस तरह बीते दिनों अमेरिका चीन रहनुमा जी शिनपिंग को हड़काया है, उसके बाद से ही चीन खौफ में है और समय का पहिया भी ऐसा घूमा कि इस घटना के कुछ दिनों बाद ही ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए, तो ऐसे में चीन का खौफ के सैलाब में सराबोर हो जाना लाजिमी है। सो चीन अब तरह-तरह के तर्क दे रहा है। कह रहा है कि बेशक ऋषि भारत में पैदा हुए हों, लेकिन उनका भारत से कोई सरोकार नहीं होगा। उनके लिए ब्रिटेन ही शीर्ष पर होगा। वे ब्रिटेन के लिए काम करेंगे, लिहाजा भारत को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। चीन का कहना है कि ऋषि बेशक भारत में पैदा हुए हों, लेकिन वो हैं तो ब्रिटेन के राजनेता। ब्रिटेन ने तो ही उन्हें इस पद पर लाकर खड़ा किया है। तो ब्रिटेन यह सारी दलीलें इसलिए दे रहा है, ताकि वो खुद का बचाव कर सकें, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह भारत और चीन के बीच सीमा विवाद गहराया है, उसे लेकर भारत के साथ-साथ ब्रिटेन सहित अमेरिका भी अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।

xi jinping says Sinicization will happen of religions in China - International news in Hindi - चीन में धर्मों का होगा सिनिसाइजेशन, जानें क्या है यह और शी जिनपिंग ने क्यों दिया आदेश

इतना ही नहीं, कई वैश्विक बैठक के दौरान भी ब्रिटेन चीन के रवैये की कड़े शब्दों में निंदा कर चुका है, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी शुमार है। मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते बेहद ही तनावपूर्व रहे थे। विशेषतौर पर कोरोना काल के दौरान दोनों ही देशों के बीच रिश्ते की तल्खी और ज्यादा बढ़ गई, जिसके बाद अब आगामी दिनों में स्थिति चीन ज्यादा दुरूह होंगी। इसके अलावा जिस तरह से भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में लोग ऋषि सुनक के साथ अपना कनेक्शन तलाशने में जुट चुके हैं, वो भी चीन के लिए चिंता का विषय है।

जाहिर है कि चीन और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहद मधुर हैं और जिस तरह से पाकिस्तान की तरफ से ऋषि सुनक से खुद के कनेक्शन तलाशने की जद्दोजहद शुरू हो चुकी है, वो चीन के लिए चिंता बढ़ाने वाली है, लेकिन कूटनीतिक विशेषज्ञों का साफ है कि निसंदेह ऋषि भारत के हितों का ध्यान रखेंगे।

beijing under the control of People Liberation Army and shi jinping is in under house arrest | China News: चीन की आर्मी ने शी जिनपिंग को किया नजरबंद, बीजिंग पर हुआ सेना

ब्रिटेन में जारी है आर्थिक बहदाली

कोरोना काल के दौरान वित्त मंत्री रहते हुए ऋषि सुनक ने जैसे-जैसे अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुए ब्रिटेन में वित्तीय स्थिति को दुरूस्त करने का काम किया था, लेकिन अब जब वह प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान हो चुके हैं, तो यकीनन उनके लिए आगामी राह आसान नहीं होने वाली है।उनके आगे मुश्किलों का अंबार में है।ब्रिटेन जीडीपी से लेकर विदेशी मुद्रा भंडार सबित अन्य मोर्चों पर मुश्किलों का अंबार भी खड़ा है। ऐसे में बतौर प्रधानमंत्री उनके लिए आगे की राह कैसी होती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।