नई दिल्ली। एक तरफ देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरे देश में दम तोड़ रही है। बड़ी संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। इस सब के बीच 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का ऐलान कर दिया गया है। मनतलब अब कोरोना का टीकाकरण 18 वर्ष से ऊपर के सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए उपलब्ध होगा। इस सब के बीच कोरोना की इस तेज रफ्तार और कोरोना टीके पर जमकर सियासत हो रही है। एक तरफ सरकार को विपक्ष इस तरह से फैली अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना के टीके को लेकर भी सरकार को सवालों के घेरे में लिया जा रहा है।
इधर कोविशील्ड का उत्पादन करनेवाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने वैक्सीन के दाम की भी घोषणा कर दी है। इसको लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। सोनिया गांधी ने सरकार के द्वारा जारी नई वैक्सीन नीति पर सवाल उठाए हैं। खबरों की मानें तो वैक्सीन की दरों का ऐलान होने के बाद कई जगहों पर इसका विरोध किया जा रहा है। ऐसे में सोनिया गांधी ने इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
The nation’s goal must be to ensure that everyone over 18 years is given the vaccine, regardless of their economic circumstances. I urge you to intervene immediately & reverse the new Covid19 vaccination policy.
– Congress President Smt. Sonia Gandhi writes to PM Modi pic.twitter.com/lXFmbfULdT
— Congress (@INCIndia) April 22, 2021
सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से कहा है कि देश का मकसद यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन दी जाए, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो। कांग्रेस नेता ने सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों का कारण सरकार की नई वैक्सीन नीति को बताया है। सोनिया ने पत्र में लिखा है कि ‘इस नीति के परिणामस्वरूप वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अलग-अलग दामों की घोषणा की।’ सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से जारी की गई कीमतों के अनुसार, केंद्र सरकार को एक डोज 150 रुपये में मिलेगी। जबकि, राज्य सरकार के लिए यह दर 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति डोज है।
सोनिया ने कहा कि इससे नागरिक ज्यादा कीमत चुकाने को मजबूर हो जाएंगे और राज्य सरकारों पर भी वित्तीय मार पड़ेगी। उन्होंने वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता के पत्र के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने इस नीति के दोबारा आकलन किए जाने की मांग की है।