नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान होने हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे सियासी दल भी अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रहे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी लगातार अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रही है, लेकिन चुनावी उम्मीदवारों की सूची करने को लेकर अब अखिलेश यादव विवादों में आ गए हैं। योगी सरकार ने जिन शहरों के नाम बदल दिए हैं, लेकिन अखिलेश की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अभी भी पुराने नाम को ही आधिकारिक मानकर चल रही है। दरअसल यूपी चुनाव के लिए सपा ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है, उसमें बदले नाम की जगह पुराने नाम का ही प्रयोग किया गया है।
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की सूची में प्रयागराज और अयोध्या का नाम नदारद दिखा, जबकि बदले में उसके पुराना नाम इलाहाबाद और फैजाबाद ही लिखा गया है। मगर आधिकारिक तौर पर दोनों जिलों को नाम बदले जा चुके हैं। जानकारी के लिए बता दें कि योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया था। योगी सरकार के इस फैसले की लोगों ने खूब प्रशंसा भी की थी।
सपा की लिस्ट में देखा जा सकता है कि प्रयागराज को इलाहाबाद दिखा गया है और इस सीट से पार्टी ने मुर्तजा सिद्दीकी को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं अयोध्या को फैजाबाद बताया है और इस सीट से अखिलेश यादव ने अभय सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा है, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या अखिलेश यादव की पार्टी की भूलकर या जानबूझकर आधिकारिक निर्देशों की अवमानना की है या समाजवादी पार्टी को योगी सरकार द्वारा अयोध्या और प्रयागराज का नाम बदलना रास नहीं आ रहा है?
बता दें कि यूपी में सात चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा, जबकि 14 फरवरी को दूसरे का चरण का मतदान डाले जाएंगे। इसके अलावा 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, तीन मार्च को छठे चरण और सात मार्च को सातवें और आखिरी चरण का वोटिंग होगी। वहीं 10 मार्च को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।