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Chandigarh Blackout: चंडीगढ़ पर मंडराया ब्लैकआउट का खतरा, अंधेरे में डूबा शहर, कई घंटों से गुल है बत्ती

Chandigarh Blackout: बिजली कर्मचारी चंडीगढ़ में बिजली वितरण के निजीकरण के फैसले को लेकर कड़ा विरोध कर रहे हैं। दरअसल, प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को डर है कि निजीकरण से उनकी सेवा शर्तों में बदलाव आएगा।  

पंजाब-हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ बीते 36 घंटों से बिजली संकट से जूझ रही है। बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ 21 फरवरी से हड़ताल पर बैठे बिजलीकर्मियों के कारण चंडीगढ़ को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ में ब्लैकआउट के 36 घंटे बीत जाने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली ना होने से शहर में पानी की किल्लत भी गहरा गई है। सोमवार शाम से हजारों घरों में बिजली-पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बत्ती गुल होने से कई इलाकों में ट्रैफिक लाइटें तक काम नहीं कर रही हैं। इतना ही नहीं बिजली कट के चलते सरकारी अस्पतालों ने सर्जरियों पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं और कोचिंग संस्थान भी बंद कर दिए गए हैं।

ब्लैकआउट पर आधिकारिक बयान

चंडीगढ़ में हुए ब्लैकआउट को लेकर आधिकारिक बयान सामने आया है। अधिकारियों का कहना है कि, “मौसम खराब होने और कर्मचारियों की हड़ताल के चलते बिजली आपूर्ति ठप्प हुई थी, लेकिन जल्द ही दोबारा से बिजली चालू कर दी जाएगी।”

गौरतलब है कि, बिजली कर्मचारी चंडीगढ़ में बिजली वितरण के निजीकरण के फैसले को लेकर कड़ा विरोध कर रहे हैं। दरअसल, प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को डर है कि निजीकरण से उनकी सेवा शर्तों में बदलाव आएगा।  बिजली यूनियन का आरोप है कि, प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बिजली विभाग का निजीकरण किया है। कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि, केंद्र शासित प्रदेश के सलाहकार धर्मपाल ने बिजली कर्मचारी संघ के साथ बैठक भी की थी। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।