नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार विज्ञापनों पर भारी भरकम पैसा पानी की तरह बहाने को लेकर सवालों के घेरे में है। अब इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकारते हुए कहा कि आपने विज्ञापनों में अब तक 1100 करोड़ रूपए पानी तरह बहा दिए, तो कम से कम दिल्ली के बुनियादी ढांचे को विकसित करने को लेकर भी तो कुछ पैसा लगाओ। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह फटकार दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम में हो रही देरी को लेकर लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपको दिल्ली के बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में होने वाले खर्चे की भरपाई करनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आगामी दिनों में आपको कोर्ट की तरफ से कड़े रूख का सामना करना होगा।
बता दें कि कोर्ट आरआरटीएस प्रोजेक्ट को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे लेकर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सवालिया लहजे में कहा कि जब केजरीवाल सरकार विज्ञापनों पर करोड़ों रुपए खर्च कर सकती है, तो भला इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने की दिशा में क्यों नहीं पैसा लगा रही है?
कोर्ट ने कहा कि पिछले तीन सालों में दिल्ली सरकार विज्ञापनों पर हजारों करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है। ध्यान दें कि विज्ञापनों पर पानी तरह पैसा बहाने को लेकर बीजेपी भी कई मौकों पर केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों ले चुकी है।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ कर रही थी। वहीं, कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दो माह का समय देते हुए प्रोजेक्ट पर राशि लगाने का निर्देश दिया है। ध्यान दें कि विगत कई माह से सेमी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का काम चल रहा है। इस कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली एनसीआर के लोगों का सफर आसान हो जाएगा। यह कॉरिडोर दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को आपस में जोड़ेगा। बहरहाल, अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट से फटकार खाने के बाद केजरीवाल सरकार का क्या रुख रहता है।