नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के विवादित बयान को लेकर राजनीतिक पारा चरम पर है। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है। बीजेपी का हमला उन पर बदस्तूर जारी है। उधर, राहुल गांधी भी लपेटे में आ चुके हैं। बीजेपी की ओर से उन पर सवाल दागा जा रहा है कि आखिर उनकी मोहब्बत की इस दुकान में नफरत का यह सामान कहां से आ गया। इंडिया गठबंधन से भी इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने की बात कही जा रही है, लेकिन इस पूरे मसले को लेकर अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं। जहां एक तरफ केजरीवाल, ममता बनर्जी, वेणुगोपाल सरीखे नेताओं ने उदयनिधि के बयान से किनारा कर लिया है, तो वहीं मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने उदयनिधि का सपोर्ट किया है।
उधर, अब इस पूरे मामले में उत्तर बनाम दक्षिण की राजनीति भी शुरू हो चुकी है। दरअसल, दक्षिणी सूबों में जहां इस बयान का विरोध किया जा रहा है, तो वहीं उत्तर के सूबों में इसे सनातन का अपमान बताया जा रहा है। अब इसी बीच देश के एक या दो नहीं, बल्कि 262 हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड को लेटर लिखकर उदयनिधि द्वारा दिए गए बयान का स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि लेटर में क्या कुछ लिखा गया है।
दरअसल, पत्र में शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत संघ मामले का हवाला देकर उदयनिधि के बयान का सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की गई है। पत्र में उदयनिधि के बयान को नफरती, भड़काऊ और समाज में वैमनस्य फैलाने वाला बताया गया है। अधिकारियों को उदयनिधि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पत्र में की गई है।
इन 262 लोगों में तेलंगाना, गुजरात, इलाहाबाद, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा, मध्य प्रदेश, सिक्किम से 14 पूर्व न्यायाधीश, 20 राजदूतों, पूर्व रक्षा सचिव, पूर्व रॉ प्रमुख, पूर्व विदेश सचिवों सहित 130 सेवानिवृत्त नौकरशाह, 118 सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारी शामिल हैं। बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान नफरत भरे भाषणों पर चिंता जताई थी और ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई करने की मांग की गई थी। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले जरा ये जान लेते हैं कि आखिर उदयनिधि ने अपने बयान में क्या कुछ कहा?
दरअसल, सनातन उन्मूलन समिति कार्यक्रम में उदयनिधि ने कहा कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया और कोरोना जैसी बीमारियों के जैसा है, जिसका हमें विरोध नहीं, बल्कि खत्म करना है। उनके इस बयान चौतरफा बवाल मच गया था। बीजेपी की ओर से खुद इस पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी। खुद अमित शाह ने उदयनिधि के बयान पर कठोर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। लेकिन उदयनिधि ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि वो अपने बयान पर कायम रहेंगे। उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है, लेकिन अब इस पूरे मसले को लेकर राजनीति तेज हो चुकी है। बीजेपी इंडिया गठबंधन से लेकर इसे लेकर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग कर रही है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।