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सुशांत सिंह मामला : शिवसेना ने भाजपा पर ठाकरे को ‘बदनाम’ करने का लगाया आरोप

राउत ने कहा, “सुशांत और उनके पिता कृष्ण किशोर सिंह के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं थे, क्योंकि वह पुनर्विवाह (पिता के) फैसले से परेशान थे। उन्हें बिहार पुलिस में एफआईआर दर्ज करने के लिए उकसाया गया था, जो मुंबई में एक घटना की जांच करने आई थी।”

मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि वह राजनीतिक लाभ लेने के लिए राज्य के एक मंत्री को सुशांत सिंह राजपूत मामले से जोड़ रही है। पार्टी के समाचार पत्र ‘सामना’ में राउत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा मीडिया के एक वर्ग की मदद लेकर साजिश रच रही है।

Sanjay Raut, Shiv Sena

राउत ने कहा, “एक टीवी चैनल मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और धमकी भरी भाषा का उपयोग करता है। इसने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार सहित कई नेताओं और लोगों को व्यथित कर दिया है। मीडिया के एक हिस्से को विपक्षी पार्टी का समर्थन प्राप्त है और वह सरकार को अस्थिर करना चाहती है। पवार ने मुझसे पूछा है कि सरकार ने संवैधानिक पद संभालने वाले ठाकरे का अनादर करने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई शुरू की है।”

Sanjay Raut, Shiv Sena

उन्होंने संदेह जताया कि पूरा मामला सुनियोजित था। विपक्ष ने इस मामले को पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे से केवल इसलिए जोड़ा, क्योंकि उनके कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के साथ अच्छे संबंध हैं। उन्होंने इसे ‘महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश’ करार दिया। बिहार पुलिस पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि यह अनावश्यक रूप से इस मामले में कूदी है। अभिनेता ने जो कुछ हासिल किया वह मुंबई के कारण था।

राउत ने कहा, “सुशांत और उनके पिता कृष्ण किशोर सिंह के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं थे, क्योंकि वह पुनर्विवाह (पिता के) फैसले से परेशान थे। उन्हें बिहार पुलिस में एफआईआर दर्ज करने के लिए उकसाया गया था, जो मुंबई में एक घटना की जांच करने आई थी।”

sanjay raut

बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे की निंदा करते हुए शिवसेना नेता ने कहा कि वह टीवी डिबेट में हिस्सा लेकर, मुंबई पुलिस पर टिप्पणी करके सर्विस रूल्स तोड़ रहे हैं। राउत ने कहा कि हाई-प्रोफाइल मामले को देखते हुए मुंबई पुलिस को हर एक दिन के बाद मीडिया को बताना चाहिए था और स्पष्ट करना चाहिए था कि यदि किसी मंत्री या राजनेता का नाम आता है तो वह इसकी जांच करेगी।