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Hindutva: स्वामी रामभद्राचार्य का बड़ा बयान, कहा- खुद और देश को बचाना है तो हिंदुओं को करना होगा ये काम

Hindutva: भोपाल प्रवास पर आए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि 15 दिसंबर को चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ में तमाम प्रस्ताव पास किए जाएंगे। महाकुंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के प्रमुख मोहन भागवत भी हिस्सा लेंगे।

भोपाल। आजादी के बाद से हिंदू बंट रहा है। नतीजे में हिंदुओं की तादाद भारत में पहले 70 फीसदी थी, तो अब 60 फीसदी हो गई है। हिंदुओं के मठ और मंदिर तोड़े जा रहे हैं। उनकी घर की महिलाओं का धर्मांतरण कराया जा रहा है। हिंदू खुद और देश को बचाना और समस्याओं को दूर करना चाहते हैं, तो एकजुट हो जाएं। ये बात जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कही है। भोपाल प्रवास पर आए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि 15 दिसंबर को चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ में तमाम प्रस्ताव पास किए जाएंगे। महाकुंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के प्रमुख मोहन भागवत भी हिस्सा लेंगे। इस महाकुंभ में समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण, जनसंख्या नियंत्रण कानून, हिंदुओं को मजबूत करने और गोवध निषेध समेत तमाम मुद्दों पर प्रस्ताव पास करके उन्हें केंद्र की मोदी सरकार को भेजा जाएगा।

Waseem Rizvi

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के हिंदू बनने पर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि ये धर्मांतरण नहीं, धर्म में वापसी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जनसंख्या नियंत्रण कानून की सख्त जरूरत है। सभी के घर में दो बच्चे ही होने चाहिए। यही हम चाहते हैं। रामभद्राचार्य ने ये भी कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी, यूपी में योगी आदित्यनाथ और एमपी में शिवराज सिंह चौहान की सरकार के दौरान हिंदुओं का सम्मान बढ़ा है, बावजूद इसके तमाम समस्याओं का अंत तभी होगा, जब हिंदू एकजुट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को एकजुट करने के लिए जीवन पर्यंत कोशिश करता रहूंगा।

modi in meeting

बता दें कि बीते दिनों स्वामी रामभद्राचार्य ने मोदी सरकार से तुरंत समान नागरिक संहिता यानी कॉमन सिविल कोड का कानून बनाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट और इलाहबाद हाईकोर्ट भी अपने कई फैसलों के दौरान केंद्र सरकार को कॉमन सिविल कोड बनाने के लिए कह चुके हैं। वहीं, मुसलमानों के मामले देखने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि किसी भी सूरत में मुसलमान, कॉमन सिविल कोड को लागू नहीं होने देंगे। कॉमन सिविल कोड संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में भी शामिल है। यानी देश की सरकार को इसे लागू करने की दिशा में काम करना जरूरी है। बावजूद इसके किसी भी सरकार ने अब तक इसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।