चेन्नई। बेशक भारत में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन फिर भी ऐसा नहीं है कि हर जगह कोरोना का कहर ही देखने को मिल रहा हो। कोरोना संकट काल के बीच राहत की खबरें भी सामने आ रही हैं। खबरों के मुताबिक तमिलनाडु के इरोड में जहां दिल्ली के निजामुद्दीन से जुड़े कोरोना पीड़ित मिले थे, वहां पर पिछले दो सप्ताह से कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है। कोई भी नया मामला सामने न आने के बाद इरोड को अब रेड जोन से ऑरेंज ज़ोन में बदल दिया गया है।
इसे स्थानीय प्रशासन को नियंत्रण और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाना ही कहेंगे कि यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से सुधार हुआ है। बता दें कि इरोड में कुल 70 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई थी। 27 अप्रैल को यहां से अखिरी पॉजिटिव मरीज को भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
मार्च में इरोड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा दर्ज किया जाने लगा। इसे देखते हुए इरोड के प्रशासन ने कमर कसी और स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर इस बीमारी से निजात पाने की ठान ली। इरोड के जिला कलेक्टर काथिरावन ने बताया कि हमने किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीज को घर में क्वारंटाइन नहीं किया। जैसे ही किसी मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए वैसे ही उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार किए गए क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया। हमने देखा कि इरोड में आने वाले सभी मामले या तो निजामुद्दीन सम्मेलन से वापस आने वाले यात्रियों के थे या फिर उनके संपर्क में आने वाले रिश्तेदारों के थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने सभी जमातियों को पकड़ने के लिए योजना तैयार की।
काथिरावन ने बताया कि दिल्ली से आने वाले सभी लोगों की पहचान करने के लिए प्रमुख मस्जिदों के आसपास सीसीटीवी फुटेज को देखा गया। इसके बाद जो भी संदिग्ध दिखाई दिया उसकी कोरोना जांच कराई गई। जिला कलेक्ट्रेट ने बताया कि 15 मार्च को हमें कोयम्बटूर हवाई अड्डे से थाईलैंड से आने वाले लोगों की लिस्ट मिली।
इसके बाद हमने इन सभी थाई नागरिकों की मदद से दो दिन के अंदर 22 से अधिक लोगों को पकड़ा और उनकी कोरोना जांच कराई गई। जांच में पता चला था कि ये सभी लोग कभी न कभी इन सभी थाई लोगों के संपर्क में आए थे। इस तरह से कोरोना की चेन तोड़ना आसान हो गया। सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि देश की हर राज्य सरकार कोरोना की चेन तोड़ने के प्रयास कर रही है। इसको देखते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच बॉर्डर भी सील किए गए हैं।