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किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच बनी बात, जानिए किन शर्तों पर हुआ दोनों के बीच समझौता

दिल्ली पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के नेताओं के बीच समझौता हो गया है। किसान नेता संसद के सामने न बैठने के लिए मान गए हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें धरने पर बैठने के लिए नई जगह मुहैया करा दी है।

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के नेताओं के बीच समझौता हो गया है। किसान नेता संसद के सामने न बैठने के लिए मान गए हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें धरने पर बैठने के लिए नई जगह मुहैया करा दी है। किसानों ने अपने इस धरने को संसद मार्च का नाम दे रखा था। दिल्ली पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है कि कल से रोज 200 किसानों के जत्थे को संसद मार्ग स्थित जंतर-मंतर पर बैठने की मंजूरी दे दी गई है। किसान नेता वहां धरना देने के लिए तैयार हो गए हैं।

Farmers Protest

पुलिस रोज 200 किसानों को बॉर्डर के धरनास्थलों से जंतर-मंतर तक लाएगी और शाम को वापस अपनी सुरक्षा में वहां छोड़कर आएगी। किसानों का ये धरना संसद के मॉनसून सत्र तक चलता रहेगा। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को किसान नेताओं को मनाने में दिल्ली पुलिस नाकाम रही थी। किसान नेता बड़ी तादाद में रोज किसानों को लेकर संसद के सामने बैठने पर अड़े हुए थे। बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने तो किसानों को ट्रैक्टर से ले जाने की बात कही थी और आंदोलनकारियों से जंग के लिए तैयार रहने का बयान भी दिया था।

दरअसल, ट्रैक्टर मार्च के नाम पर इस साल 26 जनवरी को जिस तरह दिल्ली में हिंसा हुई थी, उसे देखते हुए दिल्ली पुलिस किसी भी कीमत पर किसानों को संसद तक पहुंचने देने के लिए तैयार नहीं थी। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को दिल्ली के उन बॉर्डर पर बड़ी तादाद में तैनात किया गया है, जहां आंदोलनकारी किसान अभी भी जमे हुए हैं।

पुलिस को ये जानकारी भी मिली है कि संसद मार्च के लिए पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी से काफी किसान दिल्ली पहुंचने वाले हैं। पुलिस का कहना है कि इन सभी को रोज 200 की तादाद में जंतर-मंतर तक ले जाया जाएगा।