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Bihar:‘इस अंहकारी इंसान का सर्वनाश होना तय है’, जहरीली शराब से हुई मौत पर CM नीतीश कुमार पर बरसे पीके

Bihar: इतना ही नहीं, पीके ने कोरोना काल के दौरान भी लोगों को हुई बेशुमार दुश्वारियों का जिक्र कर सुशासन बाबू पर निशाना साधा। जिसमें उन्होंने कहा कि इस शख्स ने उस वक्त भी अपने घर से निकलने की जहमत नहीं उठाई थी, जब लोग समस्त प्रदेश में लोग भूख की वजह से बिलबिला रहे थे।

नई दिल्ली। बिहार में इन दिनों जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर हाकाकार मचा हुआ है। नीतीश सरकार इस बात को लेकर सवालों के घेरे में हैं कि आखिर प्रदेश में शराबबंदी के बावजूद भी कैसे लोग शराब का सेवन कर पा रहे हैं। वो भी जहरीली। बहरहाल, सीएम अभी इस सवाल का जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं। वो अभी विपक्षी दलों द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब देने से गुरेज कर रहे हैं। वहीं इस मसले को लेकर बिहार विधानसभा में भी प्रतिदिन सत्ता और विपक्ष के बीच रार-प्रतिवार देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं, गत दिनों बीजेपी की ओर से नीतीश से इस्तीफे की भी मांग की गई थी। इसके अलावा सुशासन बाबू ने इस संवेदनशील मसले पर जिस तरह का संवेदनहीन बयान दिया है, उसे लेकर भी विपक्षी दलों का गुट नीतीश सरकार पर हमलावर है। बता दें, नीतीश ने अपने बयान में कहा था कि जो शराब पीएगा, वो मरेगा ही। सुशासन बाबू के इसी बयान को लेकर बीजेपी ने उनसे इस्तीफे की मांग की है।

nitish kumar

 

अब इसी बीच राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस तरह की स्थिति बनी हुई है, उसे देखते हुए अब यह कहना गलत नहीं होगा कि आगामी दिनों में नीतीश का सर्वनाश तय है। बता दें, पीके ने यह बयान शिवहर में पदयात्रा के दौरान दिया है। पीके ने यह भी कहा कि मेरी सबसे बड़ी गलती थी कि मैंने साल 2014-15 में नीतीश कुमार की मदद की थी। उन्होंने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि इस अंहकारी इंसान का विनाश तय है।

PARSHANT KISHOR

इतना ही नहीं, पीके ने कोरोना काल के दौरान भी लोगों को हुई बेशुमार दुश्वारियों का जिक्र कर सुशासन बाबू पर निशाना साधा। जिसमें उन्होंने कहा कि इस शख्स ने उस वक्त भी अपने घर से निकलने की जहमत नहीं उठाई थी, जब समस्त प्रदेश में लोग भूख की वजह से बिलबिला रहे थे। पीके ने आगे कहा कि वैसे घर-घर में लोगों को शराब मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन बिहार जैसे गरीब राज्य को शराबबंदी की वजह से आर्थिक मोर्चे बहुत नुकसान हो रहा है, जिसकी भरपाई करने की स्थिति में मौजूदा सरकार नजर नहीं आती है। बहरहाल, जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर बिहार का सियासी पारा अपने चरम पर पर है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।