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दुनिया के सबसे ऊंचे गणपति भारत में नहीं बल्कि इस देश में है….

देशभर में आज गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्यौहार पूरे देश में धूम-धाम से मनाया गया। लोगों ने अपने घरों में आज बप्पा (Lord Ganesh) की स्थापना की है। ऐसे में गणेशजी की सबसे ऊंची मूर्ति (Tallest statue) की बात करें तो थाइलैंड के ख्लॉन्ग ख्वेन शहर (khlong khwang) में यहां एक गणेश इंटरनेशनल पार्क (Ganesh International Park) बनाया गया है, जिसमें कांसे (Bronze) की ये 39 मीटर ऊंची मूर्ति लगाई गई है।

नई दिल्ली। देशभर में आज गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्यौहार पूरे देश में धूम-धाम से मनाया गया। लोगों ने अपने घरों में आज बप्पा (Lord Ganesh) की स्थापना की है। ऐसे में गणेशजी की सबसे ऊंची मूर्ति (Tallest statue) की बात करें तो थाइलैंड के ख्लॉन्ग ख्वेन शहर (khlong khwang) में यहां एक गणेश इंटरनेशनल पार्क (Ganesh International Park) बनाया गया है, जिसमें कांसे (Bronze) की ये 39 मीटर ऊंची मूर्ति लगाई गई है।

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इस मूर्ति को आप ध्यान से देखेंगे तो उनके सर पर कमल का फूल और उसके बीच में ‘ओम’ बनाया गया है। इस मूर्ति को कांसे के 854 अलग अलग हिस्सों से मिलाकर बनाया गया है। इस मूर्ति समेत पूरे पार्क को बनाने में 2008 से लेकर 2012 तक 4 साल का समय लगा। थाइलैंड में जिन 4 फलों को पवित्र कार्यों में रखा जाता है, वो सभी फल गणेश जी के हाथों में रखे गए हैं, जिनमें से एक है कटहल, दूसरा आम, तीसरा गन्ना और चौथा केला। आम को इस इलाके का प्रतीक फल माना जाता है जो समृद्धि का प्रतीक भी है। उनके पेट पर एक सांप लपेटा हुआ है, सूंड में एक लड्डू है और पैरों में चूहा बैठा है। हाथों पर ब्रेसलेट और पैरों का आभूषण बुद्धिमत्ता की निशानी है, थाइलैंड में गणेशजी की मान्यता ज्ञान और बुद्धिमत्ता के देवता के तौर होती है।

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अब आपको ये जानने की दिलचस्पी होगी कि इसको आखिर बनवाया किसने है। इसके लिए आपको थोड़ा सा गूगल करके वहां की अयोध्या यानी अयुथ्या साम्राज्य (Ayutthaya Kingdom) के बारे में विस्तार से पढ़ना पड़ेगा। इस साम्राज्य के तहत चाचोएंगशाओ (Chachoengsao) नाम का एक शहर 1549 में बसाया गया था, जहां चाचोएंगशाओ एसोशिएयन (Chachoengsao Association) नाम की एक संस्था कई तरह के धार्मिक और सामाजिक कार्यों को पूरा कराने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहती है। इस एसोसिएशन के प्रेसीडेंट पोल जेन समाचाई वानीशेनी ने ये तय किया था कि विश्व की सबसे ऊंची गणेश की मूर्ति यहां लगाई जाएगी और इसके बाद जगह की तलाश शुरू हुई।

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उसके बाद पास के ख्लॉन्ग ख्वेन (Khlong Khuean) शहर में 40,000 वर्ग मीटर की ये जगह तलाशी गई, यहां की मिट्टी काफी उपजाऊ है और पूरी तरह कृषि प्रधान क्षेत्र होने की वजह से भी यही जगह भगवान की मूर्ति की स्थापना के लिए चुनी गई। पहले यहां एक इंटरनेशनल गणेश पार्क बनाया गया, फिर उसमें ये मूर्ति लगाई गई। चाचोएंगशाओ एसोशिएशन ने यहां एक सेंट्रल म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जो स्थानीय इतिहास को सुरक्षित रखने के उद्धेश्य से बनाया गया था। इस इलाके में सदियों तक हिंदू सभ्यता पुष्पित और पल्लवित हुई। पिछले कुछ सालों में केन्द्रीय थाइलैंड में बैंक पैकोंग नदी के आसपास का ये क्षेत्र सबसे बड़े टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर उभरा है। दरअसल वो लोग एक इंटरनेशनल भगवान की मूर्ति वहां चाहते थे और ऐसे में गणेशजी के नाम पर सहमति बनी। ये मूर्ति वहां के प्रख्यात मूर्तिविद पिटक चर्लेमलाओ की उत्कृष्ट कारीगरी का नमूना है। इस मूर्ति को लेकर एसोसिएशन का दावा है कि ये विश्व की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति है और अभी तक किसी ने उनके इस दावे को चुनौती नहीं दी है।