नई दिल्ली। देश एक तरफ कोरोना महामारी का सामना कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ चिलचिलाती गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इस चिलचिलाती गर्मी से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR Weather) में आलम ये है कि लोगों को पंखे के नीचे बैठकर भी राहत नहीं मिल रही। वहीं दिल्ली के कई इलाकों में कुलर और एससी ने भी दम तोड़ दिया। तेज चिलचिलाती धूप ने दिल्ली का तापमान इतना बढ़ा दिया है कि लोगों के लिए घरों से निकलना मुश्किल होने के साथ ही घरों के भीतर भी लोग चैन की सांस नहीं ले पा रहे हैं। इस सब के बीच गुरुवार को दिल्ली में गर्मी ने अपना 90 साल पुराना बनाया रिकॉड तोड़ दिया। मौसम विभाग की मानें तो गुरुवार को राजधानी में पारा (Delhi Temperature) 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग (Weather Department) के अनुसार, 2012 के बाद बीते गुरुवार को सबसे अधिक गर्म दिन रहा। आईएमडी (IMD) की मानें तो साल 2012 और 1987 दोनों में 2 जुलाई को राजधानी का तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं बुधवार को दिल्ली में सीजन का सबसे अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
मॉनसून पहुंचने में हो रही देरी
उधर मौसम विभाग ने कहा कि मानसून में देरी भी इस चिलमिलाती गर्मी का कारण बना हुआ है। इस बार मानसून राजधानी में 7 जुलाई के बाद ही पहुंचेगा। ऐसे में दिल्ली वासियों को तब तक तो गर्म हवाओं के थपेड़े झेलने होंगे।
मौसम विभाग की मानें तो आज राजधानी समेत एनसीआर के कुछ एक हिस्सों में हल्की बुंदाबांदी हो सकती है। जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। माना जा रहा है इससे तापमान में थोड़ी गिरावट भी दर्ज की जा सकती है। लेकिन तापमान अभी भी 40 डिग्री से ऊपर रहने की उम्मीद है।
8 जुलाई के बाद बारिश की उम्मीद
वहीं मौसम के जानकारों की मानें तो राजधानी में मानसून 8 जुलाई से पहले दस्तक नहीं देने वाला। ऐसे में लोगों को मानसून के आने तक भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ेगा। बता दें, आमतौर पर इन दिनों जिस चिलचिलाती गर्मी का लोगों को सामना करना पड़ा रहा है वो जून के दूसरे हफ्ते में देखने को मिलती थी। लेकिन पश्चिमी शुष्क और गर्म हवाएं इस बार लोगों को अधिक सता रही है।