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MP: अस्पताल ने कोरोना संक्रमित को मृत बताकर किया था अंतिम संस्कार, दो साल बाद जिंदा वापस लौटा शख्स

MP: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ौदा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के क्रम में डॉक्टरों ने 40 साल के एक व्यक्ति जिसकी पहचान कमलेश पाटीदार के रूप में की गयी थी, को उस वक़्त मरा हुआ घोषित कर दिया था। इतना ही नहीं बल्कि अस्पताल के स्टाफ्स ने व्यक्ति के अंतिम संस्कार करने का भी दावा किया था।

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश से एक हैरान कर देने वाला वाक्या सामने आया है। यहां के प्राइवेट अस्पताल ने जिस व्यक्ति को कोरोना से संक्रमित बताकर मृत करार दे दिया था वो अब दो साल बाद जिंदा घर वापस आ गया है। इस मामले में सबसे खास बात ये है कि जब कोरोना के समय वो अस्पताल में भर्ती था तो अस्पताल ने उसके परिजनों को ये सूचना दी थी कि उनके बेटे की कोरोना से मृत्यु हो गई है और अस्पताल कर्मी उसका अंतिम संस्कार कर रहे हैं। व्यक्ति के परिजनों को दूर से ही एक शव दिखा दिया गया था। मध्यप्रदेश के धार में ये पूरा मामला उजागर हुआ है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ौदा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के क्रम में डॉक्टरों ने 40 साल के एक व्यक्ति जिसकी पहचान कमलेश पाटीदार के रूप में की गयी थी, को उस वक़्त मरा हुआ घोषित कर दिया था। इतना ही नहीं बल्कि अस्पताल के स्टाफ्स ने व्यक्ति के अंतिम संस्कार करने का भी दावा किया था। लेकिन अब इस प्रकरण के पुरे दो साल बाद कमलेश घर वापस आ गया है। आपको बता दें कि कमलेश के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण उसके परिजनों को दूर से ही उसको मृतक बताकर एक शव दिखा दिया गया था। लेकिन अब जब कमलेश पाटीदार अपने घर वापस लौट आया है तो उसके आने से उसके घर में ख़ुशी का माहौल है। उसके रिश्तेदार उससे मिलने आ रहे हैं।

इस पूरे मामले में खास बात ये है कि कमलेश जब घर लौटा तो उसने अपने परिवार को बताया कि कुछ लोगों ने उसे बंधक बना लिया था और उसे प्रताड़ित कर रहे थे। पिछले दो साल से वो उनके ही चंगुल में फंसा था लेकिन मौका मिलते ही कमलेश वहां से भाग निकला और भागकर अपने मामा के घर मध्यप्रदेश के धार जिले की सरदारपुर तहसील में जा पहुंचा जहां कमलेश को पुलिस के पास ले जाया गया। लेकिन लोगों का कहना है कि कमलेश किसी से भी बात नहीं कर रहा है।