नई दिल्ली। अभी नूपुर शर्मा द्वारा मोहम्मद पैगंबर के संदर्भ में की गई विवादित टिप्पणी का मामला सुलझा भी नहीं है कि एक ऐसा ही मामला महाराष्ट्र के नासिक जिले से प्रकाश में आया है, जहां एक शख्स ने सोशल मीडिया पर पैगंबर साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। बता दें कि जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुआ तो मुस्लिम समुदाय का रोष अपने चरम पर पहुंच गया और वो सड़क पर विरोध करने हेतु प्रदर्शन करने पर आमादा हो गए और पुलिस से उक्त मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत उपयुक्त कार्रवाई करने की मांग करने लगे। उधर, पुलिस की तरफ से भी मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त किया गया कि ऐसा करने वाले आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, उग्र होते विरोध प्रदर्शन ने मुस्लिम संगठनों को पहले तो शांत करवाया और फिर उन्होंने आश्वासन दिया कि उक्त आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुस्लिम संगठनों ने कहा कि लोगों को धार्मिक गतिविधियों को लेकर संजीदा रहना चाहिए व गंभीरतापूर्वक किसी भी मसले पर टिप्पणी करना चाहिए, क्योकि तनिक भी कोताही स्थिति को रोषयुक्त कर सकती है। हालांकि, उपरोक्त मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत साइबर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया। अब ऐसे में उपरोक्त मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन, आपको बता दें कि बीते दिनों बीजेपी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के संदर्भ में विवादास्पद टिप्पणी की थी। जिसके बाद मुस्लिम संगठनों में बढ़ते आक्रोश को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा गया।
ध्यान रहे नूपुर के बयान को लेकर खाड़ी देशों ने भी आपत्ति जताई थी, लेकिन बीते शुक्रवार को जिस तरह से विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की वारदात को अंजाम दिया गया है, उसे लेकर अब योगी सरकार का एक्शन के मोड़ में आ चुका है। अब तक हिंसा में संलिप्त 200 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ध्यान रहे कि घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को चिन्हित किया जा रहा है। अब ऐसी स्थिति में पुलिस उपरोक्त मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।