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Uttar Pradesh: यूपी में औवेसी और राजभर की पार्टी के गठबंधन की घोषणा के साथ बवाल शुरू, गाजी की समाधि पर जाने को लेकर मचा सियासी संग्राम

Uttar Pradesh: असदुद्दीन ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का गठबंधन खासी सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन अब इस गठबंधन को लेकर यूपी में एक नया बवाल हो गया है। कहा जा रहा है कि ओवैसी और ओमप्रकाश ने महाराजा सुहेलदेव का अपमान किया है। इसके बाद से सुहेलदेव समाज के लोग दोनों से खासे नाराज हो गए हैं। 

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जिसे देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में लग गई है। सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने के लिए जहां एक ओर भाजपा हर तरीका अपना रही है तो वहीं सपा और बसपा की भी तैयारियां कहीं कम नहीं हैं। भाजपा और सपा में बैठकों का दौर भी जारी है। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का गठबंधन खासी सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन अब इस गठबंधन को लेकर यूपी में एक नया बवाल हो गया है। कहा जा रहा है कि ओवैसी और ओमप्रकाश ने महाराजा सुहेलदेव का अपमान किया है। इसके बाद से सुहेलदेव समाज के लोग दोनों से खासे नाराज हो गए हैं।

क्या है मामला?

दरअसल AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर महाराजा सुहेलदेव की धरती बहराइच पहुंचे। जहां उन्होंने यूपी के कैंप कार्यालय का उद्घाटन किया, और इसके बाद वह चर्चित गाजी के मजार पर भी सजदा करने पहुंच गए थे। जिसे बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना दिया है। उनकी नजरों में जिस सैयद सालार मसूद गाजी ने भारत पर 17 बार हमला किया था, उसके आगे माथा टेकना, उसका सजदा करना राष्ट्रद्रोह है। लेकिन वह दोनों महाराज सुहेलदेव के स्मारक पर नहीं पहुंचे। इसके बाद भाजपा को विरोध करने का एक मौका हाथ लग गया। वहीं सुहेलेदेव समाज के लोग भी दोनों की इस हरकत से खासे नाराज नजर आ रहे हैं।

ओवैसी-ओमप्रकाश राष्ट्रद्रोही है?

इस मामले पर भाजपा नेता अनिल राजभर ने कहा कि बहराइच की धरती पर एक महापुरुष और देशभक्त का अपमान हुआ है। राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव ने देश की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ने का काम किया था। आज उनका अपमान ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर जैसे लोगों ने किया है। सैयद सालार मसूद गाजी की मजार पर जाना हैरान करता है। इसके आगे अनिल राजभर ने कहा कि वह एक आक्रांता था और देश के ऊपर हमला करने वाला शख्स था। देश की हजारो मां-बहनों और हमारे धर्म पर हमला जिसने बोला हो, ऐसे सैयद सालार मसूद के मजार पर जाकर उसको सम्मानित करने का काम ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर ने किया है। वहीं पास ही में स्थित सुहेलदेव की स्मारक पर न जाना उनका अपमान है, पूरे देश, गरीब और राजभर समाज का अपमान है।

anil rajbhar, BJP leader

गठबंधन पर तंज

इस दौरान बीजेपी नेता ने ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर के गठबंधन पर भी तंज कसा है। जहां उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश के भागीदारी संकल्प मोर्चा में 10 दलों का गठबंधन राजनीतिक जोकरों का गठबंधन है। यह सिर्फ उलजुलूल का गंठबंधन है जिनका न तो समाज से कोई लेना देना है और न ही देश से। यह लोग देश के दुश्मनों का सम्मान करते हैं। यही फर्क है भाजपा और अन्य लोगों में, क्योंकि भाजपा देश के महापुरुषों का सम्मान करती है।

इस मामले ने तूल पकड़ा तो राजभर ने दिया जवाब

वहीं इस मामले पर सफाई देते हुए राजभर ने कहा कि वह गाजी की मजार पर नहीं गए थे। वह ओवैसी के साथ उनकी पार्टी के कार्यालय के उद्घाटन के कार्यक्रम में शरीक हुए थे। लेकिन वह ओवैसी के साथ मजार पर नहीं गए। उन्होंने कहा ओवैसी जी की व्यक्तिगत आस्था है, वह कहीं भी आने जाने के लिए स्वतंत्र है। योगी सरकार के जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाने के मसले पर उन्होंने कहा कि भाजपा को शिगूफा छोड़ने की आदत हो गई है।

बता दें कि राजा सुहेलदेव की छवि राजभर समाज में हिंदू नायक के तौर पर है। भारत पर 17 बार आक्रमण करने वाले सैयद सालार मसूद गाजी को महाराजा सुहेलदेव ने 5 दिनों तक चले युद्ध में हराया था और मार दिया था। सुहेलदेव का सियासी महत्व ओम प्रकाश राजभर के लिए कितना अधिक है, इसका अंदाजा उनकी पार्टी के नाम से ही लगाया जा सकता है। लेकिन ओवैसी का राजा सुहेलदेव के स्मारक पर ना जाने के बाद से राजभर समाज में नाराजगी देखी जा रही है। वहीं ओमप्रकाश राजभर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।