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Tamilnadu Waqf Board: तमिलनाडु में हिन्दुओं और कइयों साल पुराने मंदिर की जमीन पर वक़्फ़ बोर्ड खुद को बता रहा है मालिक

Tamilnadu Waqf Board: तमिलनाडु में हिन्दुओं और कइयों साल पुराने मंदिर की जमीन पर वक़्फ़ बोर्ड खुद को बता रहा है मालिक सब-रजिस्ट्रार ने उससे कहा कि उसे जमीन बेचने के लिए चेन्नई में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड कार्यालय से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ लेकर आना होगा।

नई दिल्ली। तिरुचिरापल्ली जिले के थिरुचेंदुरई गांव के लोगों में निराशा की लहर तब दौड़ गई, जब तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने कथित तौर पर पूरे गांव को अपनी संपत्ति होने का दावा किया। तमिलनाडु वक्फ बोर्ड वक्फ अधिनियम को 1954 में स्थापित किया गया जो वक्फ के संस्थानों और संसाधनों की देखरेख और प्रबंधन करता है। 1954 में बना अधिनियम कहता है कि ऐसी कोई भी प्रॉपर्टी जो इस्लाम को समर्पित हो वो वक़्त बोर्ड के अंदर आती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मुल्लिकारुपुर के राजगोपाल, जिनके पास थिरुचेंदुरई गांव में कृषि भूमि है, उन्होंने अपनी एक एकड़ 2 सेंट जमीन एक राजराजेश्वरी को बेचने का समझौता किया था। जब वो अपनी जमीन बेचने के लिए पंजीकरण विभाग गए तब सब-रजिस्ट्रार ने उन्हें बताया कि जमीन को पंजीकृत नहीं किया जा सकता क्योंकि यह तमिलनाडु वक्फ बोर्ड की है। सब-रजिस्ट्रार ने उससे कहा कि उसे जमीन बेचने के लिए चेन्नई में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड कार्यालय से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ लेकर आना होगा।

जब राजगोपाल ने पूछा कि उन्हें 1992 में खरीदी गई जमीन को बेचने के लिए वक्फ बोर्ड से एनओसी लेने की आवश्यकता क्यों है, तो सब-रजिस्ट्रार ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि तिरुचेंदुरई गांव में किसी भी जमीन के दस्तावेजीकरण करने की यह प्रक्रिया है। वक्फ बोर्ड ने दस्तावेजों के साथ, पंजीकरण विभाग को एक पत्र भेजा है जहां उनका कहना है कि पूरा गांव उनका है और जो लोग गांव में जमीन के लिए दस्तावेज दर्ज करने के लिए आते हैं, उन्हें उनसे एनओसी प्राप्त करनी चाहिए। एनओसी एक तरह का नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट होता है। जिसके माध्यम से मालिक ये कहता है कि उसे पत्र में लिखे गए मामले से कोई आपत्ति नहीं है।

उसे इसे संबंध में 250 पन्नों की एक प्रति भी दी गई है जिसमें लिखा हुआ है कि पूरे तमिलनाडु में दस हजार से भी ज्यादा एकड़ की जमीन वक्फ बोर्ड की है। इसके बाद उन्होंने गाँव के लोगों से इस पीड़ा के बारे में बताया जिसके बाद से सब चिंतित हैं। गांव वालों का मानना है कि जब उनके पास जमीन के सभी प्रकार के दस्तावेज़ हैं तब वक़्फ़ बोर्ड जमीन पर अपना हक़ कैसे बता सकता है। अब इस मैटर को डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पास सौंपा गया है जिसके आधार पर फैसला लिया जाना है।

त्रिची से भाजपा के लीडर अल्लुर प्रकाश का कहना है तिरुचेंद्री गांव कावेरी नदी के पास है जहां ज्यादातर लोग हिन्दू हैं। ऐसे में वक़्फ़ बोर्ड और थिरुचेंदुरई गाँव में क्या संबंध है। अल्लुर प्रकाश ने आगे कहा है “यहां पर चंद्रशेखर स्वामी मंदिर है। जिसके बहुत सारे दस्तावेज़ और सबूत ये बताते हैं कि वो मंदिर करीब 1500 वर्ष पुराना है। मंदिर की कुल जमीन करीब 369 एकड़ में होगी। क्या यह मंदिर भी वक़्फ़ बोर्ड का है।” इसके अलावा उनका कहना है कि जब हर व्यक्ति के पास उसके कागजात हैं तो वक़्फ़ बोर्ड कैसे कह सकता है ये जमीन उसकी है। इसके अलावा जो ऑफिसर हैं उन्होंने भी इसमें जांच क्यों नहीं की है।

तमिलनाडु सरकार के विभाग ने अब ये बताया है की वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति और मंदिर की सम्पत्तियों पर अतिक्रमण है। उन्हें ये भी सूचना मिली है कि जाली कागजों के द्वारा लोग इन जगहों पर अपना हक जताने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और संपत्ति की वसूली के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। उसके आधार पर, 2016 में, सरकार ने संपत्ति की वसूली के लिए उपाय किए। इसके बाद, वक्फ बोर्डों ने पूरे तमिलनाडु में अपनी संपत्तियों की वसूली के लिए कदम बढ़ाया। उसने अपनी संपत्ति के बारे में पता लगाया है और उन्हें विभाग को सूचित किया है। इसने पंजीकरण विभाग को कुछ संपत्तियों के संबंध में विलेखों के पंजीकरण की किसी भी व्यवस्था को रोकने के लिए भी कहा है। इसी आधार पर थिरुचेंदुरई और कादियाकुरिची सहित पूरे गांवों की पहचान वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में की गई है।”, पंजीकरण विभाग के अधिकारियों ने रिपोर्ट में कहा। जो मंदिर इस्लाम से कइयों साल पुराना है उसकी जमीन पर भी वक़्फ़ बोर्ड ने अपना मालिकाना हक बताया है।

अधिकारियों का कहना है कि वो वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन और अल्पसंख्यक विभाग के सचिव से बात करेंगे। इसके अलावा उनका मानना है कि वक़्फ़ बोर्ड के द्वारा किए जा रहे क्लेम बेतुके हैं। तिरुचेंदुरई और कल्लाकुरिची जैसे गांवों के अलावा, चेन्नई और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी यह समस्या है जहां वक्फ बोर्ड के द्वारा भूमि पर दावा किया गया है।