newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

North-East: कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आते ही छा गए पूर्वोत्तर के ये 4 नेता, बने इन प्रदेशों के सीएम

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर का जमकर विकास किया है और बीजेपी को वहां ज्यादतर राज्यों में सरकारें बनाने का मौका मिला है, लेकिन आप में से कम ही को पता होगा कि बीजेपी की चार राज्यों में जो सरकारें हैं, उनके सीएम कांग्रेस छोड़कर आए थे। ये सभी सफल नेता हैं और …

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर का जमकर विकास किया है और बीजेपी को वहां ज्यादतर राज्यों में सरकारें बनाने का मौका मिला है, लेकिन आप में से कम ही को पता होगा कि बीजेपी की चार राज्यों में जो सरकारें हैं, उनके सीएम कांग्रेस छोड़कर आए थे। ये सभी सफल नेता हैं और उनकी वजह से बीजेपी पूर्वोत्तर में काफी मजबूत हुई है। इन नेताओं में ताजा नाम मानिक साहा का है। उन्हें बीजेपी नेतृत्व ने बिप्लब देव की जगह अचानक सीएम बनाने का फैसला किया। मानिक साहा साल 2016 में कांग्रेस से बीजेपी में आए थे। उन्हें 4 साल बाद 2020 में त्रिपुरा बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। वो राज्यसभा में थे। मानिक पेशे से डेंटिस्ट हैं। साथ ही त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी चुने जा चुके हैं।

हिमंत बिस्व सरमा
अब बात असम की कर लेते हैं। यहां डॉ. हिमंत बिस्व सरमा 2021 में सीएम बने थे। उन्हें सर्वानंद सोनोवाल की जगह दी गई थी। हिमंत भी पहले कांग्रेस में थे। वो साल 2015 में राहुल गांधी से नाराज होकर बीजेपी में आए थे। 2016 के असम विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में हिमंत ने बीजेपी को जोरदार जीत दिलाई थी। वो असम की जालुकबाड़ी सीट से 5वीं बार विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने 101911 वोटों से जीत दर्ज की थी।

मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह
मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह भी कांग्रेस छोड़कर 2016 में बीजेपी में आए थे। एक साल बाद विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी जीती, तो बीरेन को सीएम बनाया गया। वो मणिपुर में बीजेपी के पहले सीएम हैं। सीएम से पहले बीरेन, कांग्रेस की इबोबी सिंह सरकार में मंत्री थे। फुटबॉल खिलाड़ी रहे बीरेन सिंह बीएसएफ में भी रहे हैं और पत्रकारिता भी है। वो हिंगांग सीट से 5वीं बार विधायक बने हैं।

नेफ्यू रियो
अब बात नगालैंड की कर लेते हैं, जहां नेइफू रियो बीजेपी की मदद से सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं। वो साल 2002 में कांग्रेस से अलग हुए थे। सबसे ज्यादा बार सीएम बनने वाले नेइफू ने नगालैंड समस्या पर विवाद के बाद एससी जमीर की सरकार छोड़ दी थी। उन्होंने इसके बाद नगा पीपुल्स फ्रंट का दामन थामा। फिर बीजेपी के साथ जाने वाले गठबंधन डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नगालैंड बना। साल 2003 में गठबंधन ने चुनाव जीता। नेइफू तब पहली बार सीएम बने थे।इसके बाद 2008, 2013 में भी वो सीएम रहे। जनवरी 2018 में बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद रियो ने नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी का साथ लिया। उन्होंने बीजेपी से गठबंधन किया और फिर चुनाव जीतकर सेम बने। रियो ने साल 1989 में सियासत में कदम रखे थे।