अब तिब्बत के पीएम ने गलवान घाटी पर चीन के दावे को नकारा, भारत का लिया पक्ष

हांगकांग में जिस तरह से चीन का विरोध जारी है उसके बीच अब चीन के अधिकार वाले तिब्बत ने भी उसके खिलाफ सर उठाना शुरू कर दिया है। ऐसे में चीन के लिए दोहरी मुश्किल खड़ी हो गई है।

Avatar Written by: June 18, 2020 7:46 pm
Dr Lobsang Sangay Tibet PM

नई दिल्ली। चीन को एक के बाद एक दुनिया के देशों से झटका मिल रहा है। चीन ने भले ही भारत के किलाफ साजिश रचनी शुरू कर दी हो। लेकिन तिब्बत जैसे देश भी उसके साथ खड़े नजर नहीं आ रहे। हालांकि पाकिस्तान और नेपाल को छोड़कर कोई भी देश भारत के खिलाफ चीन की कायराना हरकत का समर्थक नहीं दिख रहा। लेकिन फिर भी चीन की बेशर्मी है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही। हांगकांग में जिस तरह से चीन का विरोध जारी है उसके बीच अब चीन के अधिकार वाले तिब्बत ने भी उसके खिलाफ सर उठाना शुरू कर दिया है। ऐसे में चीन के लिए दोहरी मुश्किल खड़ी हो गई है।

India china army

तिब्बत की निर्वासित सरकार के पीएम लोबसंग सांगेय ने कहा कि गलवान वैली पर चीन का अधिकार नहीं है। अगर चीनी सरकार ऐसा दावा कर रही है तो ये गलत है। गलवान नाम ही लद्दाख का दिया हुआ है, फिर ऐसे दावों का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

Dr Lobsang Sangay Tibet PM

पीएम लोबसंग सांगेय ने कहा कि अहिंसा भारत की परंपरा है और यहां इसका पालन होता है। वहीं, चीन अहिंसा की बातें तो करता है, लेकिन पालन नहीं करता। वो हिंसा का पालन करता है। इसका सबूत तिब्बत है। चीन ने हिंसा के दम पर ही तिब्बत पर कब्जा किया है।

इस विवाद से निपटने को लेकर सांगेय ने कहा कि तिब्बत को जोन ऑफ पीस बनाना होगा। दोनों सीमाएं आर्मी फ्री होनी चाहिए, तभी शांति होगी। भारत और चीन के बीच तिब्बत है और जब तक तिब्बत का मुद्दा हल नहीं होता, तब तक तनाव की स्थिति बनी रहेगी।

India China Clash

उन्होंने कहा कि चीन एशिया में नंबर-1 बनना चाहता है। एशिया में उसका मुकाबला भारत, इंडोनेशिया और जापान से है, इसलिए वो हथेली की 5 फिंगर्स (लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नेपाल, भूटान) को काबू करना चाहता है। पहले उसने डोकलाम में नापाक हरकत की, अब लद्दाख में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। उधर, नेपाल से भी भारत के रिश्ते थोड़े बिगड़ गए हैं।

Dr Lobsang Sangay Tibet PM

पीएम सांगेय ने कहा कि आर्थिक मोर्चो पर चीन को सबक सिखाया जा सकता है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक रुचि में से आपको चुनना है। राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ऊपर है। पीएम मोदी ने कुछ करार रद्द करके चीन को संदेश दे दिया है। सांगेय ने कहा कि भारत-चीन के बीच जो व्यापार चल रहा है, उससे चीन को डबल, ट्रिपल फायदा हो रहा है। ऐसे में व्यापार पर नियंत्रण से असर होना स्वाभाविक है।