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UP Election 2022: सपा की खुली पोल, वोटरों को लुभाने के लिए शराब बांटने जा रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने धर दबोचा

UP Election: अब इनमें से कौन-सा दल सूबे की जनता को रिझा पाने में सफल रहता है। यह तो फिलहाल आगामी 10 मार्च नतीजों क दिन के दिन परीलक्षित हो पाएगा। लेकिन उससे पहले जिस तरह की रणनीतियों का इस्तेमाल सियासी दलों के द्वारा जनता जनार्दन को रिझाने के लिए किया जा रहा है, उसे लेकर बहस छिड़ चुकी है।

नई दिल्ली। अभी कुछ दिनों पहले ही शराब के तलबगारों के लिए दिल्ली की केजरीवाल ने सरकार ने राजधानी की हर सड़क, चौहारे और नुक्कड़ पर शराब की दुकानों की बयार बहा दी थी जिसमें शराब के शौकीनों ने खूब गोता लगाया। लेकिन दिल्ली सरकार के इस फैसले से खफा विपक्षी दलों की पलटन ने केजरीवाल सरकार की बैंड बजा दी। कांग्रेस समेत तमाम दलों के सियासी सूरमाओं ने एकजुट होकर दिल्ली सरकार का पलीता ही लगाकर रख दिया था। वहीं दिल्ली सरकार से जब इसकी वजह पूछी गई तो बताया गया कि आगम में बढ़ोतरी हेतु यह कदम उठाया गया था। वहीं, अब दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद खबर उत्तर प्रदेश से सामने आई है। वही उत्तर प्रदेश जहां अभी चुनावी बयार बह रही है। वही उत्तर प्रदेश जहां की गलियां अभी सियासी सूरमाओं की आमद से गुलजार है। वही उत्तर प्रदेश जहां कभी सीएम योगी आदित्यनाथ तो कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो कभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव तो कभी मायावती अपने लुभावने वादों के सहारे सूबे की जनता को रिझाने में मशगूल है।

 

अब इनमें से कौन-सा दल सूबे की जनता को रिझा पाने में सफल रहता है। यह तो फिलहाल आगामी 10 मार्च नतीजों क दिन के दिन परीलक्षित हो पाएगा। लेकिन उससे पहले जिस तरह की रणनीतियों का इस्तेमाल सियासी दलों के द्वारा जनता जनार्दन को रिझाने के लिए किया जा रहा है, उसे लेकर बहस छिड़ चुकी है। बहस इस बात को लेकर कि क्या आजादी के सात दशकों के बाद भी ये तथाकथित सियासी सूरमा हमारी आवाम को इतनी जाहिल समझती है कि महज एक बोलत शराब के सहारे रिझा लेंगे। क्या ये सियासी सूरमा हमारी आवाम को इतना जाहिल समझते हैं कि महज एक बोतल शराब के सहारे ये इनका वोट खरीदने के बारे में सोच सकते हैं। अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आप सियासी दलों को उनकी प्रचारिक रणनीतियों की वजह से उन्हें लताड़ने में ही मशगूल हो गए। तो वो इसलिए क्योंकि अभी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है। अब आप हम पर खिसयाकर कह रहे होंगे कि ये क्या बात हुई। सोशल मीडिया पर तो न जाने कितनी ही वीडियो वायरल होती रहती है, तो इसका सियासी दलों के चुनाव प्रचार नीति से क्या सरोकार। अब आपकी बात भी बिल्कुल ठीक है। लेकिन अभी जो वीडियो वायरल हो रही है, उसका सियासी दलों की रणनीतियों से क्या लेना देना है, हम आपको बताएंगे, सब कुछ, लेकिन उससे पहले आप देखिए ये वीडियो।

 देखिए ये वीडियो

तो इस वीडियो में आपने क्या देखा और क्या सुना। ये आप हमें कमेंट बॉक्स में बता दीजिएगा, लेकिन उससे पहले हम आपको बताते चलें कि जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है कि सपा की गाड़ी से भारी मात्रा में शराब बरामद हुई है। गाड़ी से कुल 2 पेटी शराब बरामद हुई है। इसके इतर कई प्रचार सामाग्रियां बरामद की गई है। अब आप यही सोच रहे हैं कि वो सब तो ठीक है, लेकिन ऐसी हरकत किस पार्टी ने की है, तो ये हरकत किसी और ने  नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी ने की है। वही समाजवादी पार्टी जो हमेशा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर रहती है। वही समाजवादी पार्टी जिसे अराजकता का प्रतीक माना जाता है। वही समाजवादी पार्टी जिसे बदहाली का पर्याय कहा जाता है। खैर, इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग सपा को निशाने पर ले रहे हैं। कह रहे हैं कि सपा का नकाबपोश चेहरा बेनकाब हो चुका है। साथ ही में यह भी सवाल किया जा रहा है कि आखिर सपा के रहनुमा सूबे की जनता को इतना जाहिल समझते हैं कि उन्हें महज दो बोतल शराब में रिझा पाने में कामयाब रहेंगे। खैर, अब इसका जवाब दे तो सपा के कर्ताधर्ता ही दे पाएंगे। लेकिन फिलहाल तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, लेकिन आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना मत भूलिएगा।