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Bihar: बिहार में 2 लोगों की गिरफ्तारी से इस्लामी संगठन PFI के खतरनाक इरादे उजागर, दस्तावेज में लिखा मिला- हिंदू डरपोक, मुस्लिम साथ दें तो…

एएसपी ने बताया कि इनके पास से 8 पन्ने का एक दस्तावेज मिला है। इस दस्तावेज का शीर्षक ‘इंडिया विजन 2047’ है। दस्तावेज में पीएफआई के हवाले से बताया गया है कि संगठन को भरोसा है कि अगर देश के 10 फीसदी मुस्लिम भी उसके साथ खड़े हो जाएं, तो पीएफआई बहुसंख्यक डरपोक समुदाय (हिंदुओं) पर हावी होकर इस्लामी शासकों के जमाने के शानदार दिनों को वापस ला सकती है।

फुलवारी शरीफ। इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के विघटनकारी इरादों का खुलासा हुआ है। संगठन का इरादा मुस्लिमों को साथ लेकर साल 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने का है। संगठन का मानना है कि बहुसंख्यक समुदाय यानी हिंदू डरपोक हैं। ऐसे में आसानी से उनपर हावी हुआ जा सकता है। ये सनसनीखेज जानकारी बिहार पुलिस के हत्थे चढ़े दो आरोपियों की गिरफ्तारी से हुई है। गिरफ्तार लोगों में से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड अफसर है। पुलिस का आरोप है कि दोनों लोग पिछले करीब 2 महीने से दूसरे राज्यों से लोगों को बुलाकर उन्हें देशविरोधी गतिविधियों में शामिल कराने की कोशिश कर रहे थे। जो लोग इन आरोपियों से मिलने आते थे, वे यात्रा टिकट और होटल में टिकने के लिए गलत नाम बताते थे। फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि मोहम्मद जलालुद्दीन नाम का आरोपी पुलिस का रिटार्यड अफसर और उसका साथी अतहर परवेज, PFI और SDPI का सदस्य है।

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मनीष कुमार के मुताबिक अतहर परवेज का छोटा भाई साल 2001-02 में बिहार में हुए बम धमाकों के मामले मे जेल गया था। उसकी गिरफ्तारी आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया SIMI पर बैन लगने के बाद की गई थी। एएसपी ने बताया कि इनके पास से 8 पन्ने का एक दस्तावेज मिला है। इस दस्तावेज का शीर्षक ‘इंडिया विजन 2047’ है। दस्तावेज में पीएफआई के हवाले से बताया गया है कि संगठन को भरोसा है कि अगर देश के 10 फीसदी मुस्लिम भी उसके साथ खड़े हो जाएं, तो पीएफआई बहुसंख्यक डरपोक समुदाय (हिंदुओं) पर हावी होकर इस्लामी शासकों के जमाने के शानदार दिनों को वापस ला सकती है।

वहीं, बिहार पुलिस के सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज से पूछताछ कर उनसे मिलने आने वालों और पीएफआई के स्थानीय सदस्यों के बारे में जानकारी ली जा रही है। ये भी देखा जा रहा है कि बिहार और देश के अन्य राज्यों में अपना हित साधने के लिए दोनों लोग किन और लोगों के साथ मिलकर साजिश वगैरा रच रहे थे। बता दें कि पिछले करीब 10 साल में बिहार में कई बार घरों में विस्फोटक और बम बनाने के केस सामने आ चुके हैं। यहां तक कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की रैली स्थल पर पटना में बम भी फटा था। ताजा गिरफ्तारियों से साफ है कि पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई अब जरूरी हो गई है। क्योंकि इस संगठन के भारत विरोधी गतिविधियों के एक के बाद एक सबूत मिल रहे हैं।