newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

UCC: ‘कैसे बनाया…कितनी मेहनत लगी..आगे क्या है प्लान?’, यूसीसी कमेटी ने की प्रेस कांफ्रेंस, दिए सभी सवालों के जवाब

यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने वाली कमेटी ने प्रेसवार्ता में बताया कि यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने से पहले 143 बैठकें कीं हैं। समिति ने विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों से से वार्ता कर उनके विचार लिए। वहीं लॉ कमीशन के चेयरपर्सन ने कहा था कि वह एक्सपर्ट कमेटी के साथ चर्चा करना चाहते हैं।

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से हिंदुस्तान की राजनीति में समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। कोई इसकी पैरवी कर रहा है, तो कोई मुखालफत। किसी का कहना है कि यह समाज को जोड़ने का काम करेगा, तो किसी का कहना है कि यह समाज को तोड़ने का। कुल मिलाकर यूसीसी को लेकर सबकी अलग-अलग राय है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यूसीसी को लेकर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में उन सभी लोगों को निशाने पर लिया था, जो इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं, उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार यूसीसी को लेकर ड्राफ्ट भी तैयार कर चुकी है, जिसका खुलासा मीडिया के सामने किया गया था। उधर, यूसीसी को तैयार कनरे वाली कमेटी ने आज प्रेस कांफ्रेंस किया और इस संदर्भ में बड़ी जानकारी भी दी। आइए, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने वाली कमेटी ने प्रेसवार्ता में बताया कि यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने से पहले 143 बैठकें कीं हैं। समिति ने विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर उनके विचार लिए। वहीं लॉ कमीशन के चेयरपर्सन ने कहा था कि वह एक्सपर्ट कमेटी के साथ चर्चा करना चाहते हैं। जिसमें दोनों ओर से सभी उपस्थित थे। कमेटी ने सभी विचारों का अध्ययन किया। विभिन्न राज्यों में जारी रीति रिवाजों को समझने की कोशिश की। इसके साथ ही वो सभी कायदे कानून जो लोगों के द्वारा आत्मसात किए जाते हैं, उन्हें भी समझने की कोशिश की है। इसके अलावा इस संदर्भ में विदेश में कुछ सिस्टम हैं , जिन्हें समझने की कोशिश की गई। प्रेस कांफ्रेंस में समिति ने बताया कि ड्राफ्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद इसे प्रिंट करके राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा। समिति ने बताया कि ड्रॉफ्ट तैयार करने के लिए 20 हजार से भी अधिक लोगों से वार्ता करने के बाद इस मसौदे को मूर्त रूप दिया गया है। वहीं, इस मसौदे को राज्य सरकार को कब तक सौंपा जाएगा। इस संदर्भ में समिति ने मीडिया के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। हालांकि इतना जरूर कहा है कि जल्द ही इस मसौदे को राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।

समान नागरिक संहिता में सभी लोगों के लिए एक तरह के कानून होंगे और सभी उन कानूनों को मानने के लिए बाध्य रहेंगे। वर्तमान में देश के कानून को दरकिनार कर लोग मजहब द्वारा निर्धारित किए गए कानून को मानने के प्रति बाध्य रहते हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए पिछले काफी दिनों से यूसीसी लाए जाने की मांग की जा रही है। बता दें कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों द्वारा लगातार यूसीसी का विरोध किया जा रहा है, लेकिन बीजेपी की ओर से लगातार इस यूसीसी की पैरोकारी की जा रही है। अब आगामी दिनों में यूसीसी को लेकर आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।