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Show Of Strength: उद्धव और शिंदे के लिए आज अहम दिन, दशहरा रैली के बहाने पटकनी देने का दोनों के पास मौका

आज मुंबई में एकतरह से ये तय होगा कि शिवसेना आखिर किसकी है? उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों ही शिवसेना को अपना बताते हैं। आज दोनों के फैंस बताएंगे कि पार्टी का अधिकारी आखिर कौन है। इसकी वजह दशहरा है और पहली बार शिवसेना के नाम पर उद्धव और एकनाथ गुट अलग-अलग रैली करने वाले हैं। दोनों ही आज अपना दम दिखाएंगे।

मुंबई। आ देखें जरा, किसमें कितना है दम…एक जमाने में ये फिल्मी गाना लोगों की जुबां पर चढ़ गया था। आज ये गाना मुंबई की धरती पर हकीकत भी बनने जा रहा है। आज मुंबई में एकतरह से ये तय होगा कि शिवसेना आखिर किसकी है? उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों ही शिवसेना को अपना बताते हैं। आज दोनों के फैंस बताएंगे कि पार्टी का अधिकारी आखिर कौन है। इसकी वजह दशहरा है और पहली बार शिवसेना के नाम पर उद्धव और एकनाथ गुट अलग-अलग रैली करने वाले हैं। ऐसे में किसकी रैली में कितनी भीड़ जुटती है, ये अहम है। जो ज्यादा भीड़ जुटा लेगा, उसका मनोबल उतना ही बढ़ जाएगा।

Eknath Shinde

मुंबई में शिवसेना के उद्धव गुट की दशहरा रैली अपनी पुरानी जगह यानी दादर के शिवाजी पार्क में होगी। वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे के गुट की रैली बांद्रा के बीकेसी मैदान में होने वाली है। दोनों ही रैली में बड़ी तादाद में लोग आएंगे। ऐसे में अतिरिक्त पुलिसबल की व्यवस्था की गई है। एकनाथ शिंदे गुट की रैली शाम 4 बजे से होगी। 5 बजे से पार्टी के तमाम नेता भाषण देना शुरू करेंगे। इसके बाद रात 8 बजे शिंदे इस रैली को संबोधित करेंगे। इससे पहले शिंदे को पार्टी के मंत्री 12 फुट लंबी चांदी की तलवार भी भेंट करेंगे। लोगों की नजर इस रैली पर ज्यादा है, क्योंकि वे देखना चाहते हैं कि एकनाथ शिंदे बीकेसी मैदान में कितनी भीड़ जुटा पाते हैं। शिंदे ने हाल ही में कहा था कि करीब 3 लाख कार्यकर्ता इस रैली में आएंगे।

uddhav_thakray

वहीं, उद्धव गुट का इरादा शिंदे की रैली में आने वाले लोगों से ज्यादा लोग शिवाजी पार्क में जुटाने का है। इससे पहले तक जब भी शिवसेना की दशहरा रैली होती रही, बड़ी तादाद में उसके कार्यकर्ता शिवाजी पार्क में इकट्ठा होते रहे। यहां तक कि मैदान भर जाने के बाद भी सड़कों पर ठाकरे परिवार के सदस्यों का भाषण सुनने के लिए कार्यकर्ता मौजूद रहते थे। इस बार शिवसेना दो फाड़ है। ऐसे में उद्धव के साथ ही एकनाथ शिंदे की इज्जत भी दांव पर लगी है। शाम होने पर पता चलेगा कि आखिर कौन किसे पटकनी देता है।