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UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूनिफार्म सिविल कोड, CM धामी का बड़ा ‘ऐलान’; अगले महीने आयेगा विधेयक

Uttarakhand UCC: सीएम धामी ने कहा, ”यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए बनी कमेटी 2 फरवरी को अपना ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी और हम आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू करेंगे।”

नई दिल्ली। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार इतिहास रचने के लिए एकदम तैयार है। दरअसल देवभूमि यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी को लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। राज्य में जल्द ही यूसीसी लागू होने जा रहा है। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। बता दें कि बीते कई समय से उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करने की बात चल रही थी। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने राज्य में यूसीसी लागू करने का वादा किया था। इसी बीच अब 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर धामी ने राज्य में यूसीसी लागू करने का बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने जानकारी दी कि अगले महीने फरवरी में यूसीसी लागू होगा।

CM Dhami and Modi

जानकारी के लिए बता दें कि आने वाली 5 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। विशेष सत्र में धामी सरकार विधेयक लाकर यूसीसी को प्रदेश में लागू करेगी। सीएम धामी ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ के विजन और चुनाव से पूर्व उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे गए संकल्प एवं उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने हेतु सदैव प्रतिबद्ध रही है।”

आगे उन्होंने बताया कि, ”यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए बनी कमेटी 2 फरवरी को अपना ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी और हम आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू करेंगे।”

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जानिए क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड 

आपको बता दें कि देश में विभिन्न प्रकार की धार्मिक मान्यताएं हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए कई दफा लोग अपने धर्म का हवाला देकर संवैधानिक नियमों की भी तिलांजलि दे जाते हैं, जिससे बचने के लिए बीते दिनों केंद्र की मोदी सरकार ने यूसीसी यानी की समान नागरिक संहिता को लागू करने का फैसला किया है। दरअसल, यूसीसी के तहत देश में निवास करने वाले सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम होंगे। चाहे वो किसी भी धर्म के अनुयायी हों। यूसीसी के लागू किए जाने के बाद किसी धर्म विशेष की नहीं, अपितु संविधान के नियमों को वरियता दी जाएगी, लेकिन कई राजनेता केंद्र की मोदी सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।