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देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 14 दिन पहले के 13.06% के मुकाबले अब 25.19 प्रतिशतः स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह स्पष्ट है कि लॉकडाउन को हटाने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग की अवधारणा बनी रहेगी।

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह स्पष्ट है कि लॉकडाउन को हटाने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग की अवधारणा बनी रहेगी। एक संवाददाता सम्मेलन में जारी लॉकडाउन के आगे बढ़ाए जाने के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय मामलों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर रहा है।

Lav Aggarwal

यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन के आगे बढ़ाए जाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय का क्या विचार है? उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से हम इसे लेकर बेहद स्पष्ट हैं कि हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में शारीरिक दूरी की अवधारणा को अपनाने की बात को सुनिश्चित करनी होगी, ताकि हम संक्रमण की श्रंखला को तोड़ सकें। इसी के साथ रोकथाम के उपायों पर भी ध्यान देना आवश्यक है।”

Lav Agarwal

उन्होंने आगे यह भी कहा, “हालांकि हम सफल हुए हैं, लेकिन हम चिंतित भी हैं। इसलिए हम राज्यों के साथ समन्वय कर रहे हैं और जहां अधिक मामलों के होने की पुष्टि हुई है, वहां हम शारीरिक दूरी पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में 1,718 नए मामले सामने आए हैं, जिन्हें लेकर कुल मामलों की संख्या अब 33,610 है।

Lav Agarwal

उनके मुताबिक, “पिछले 24 घंटों में देश में 630 मरीज ठीक हो चुके हैं। रिकवरी रेट अब 25.19 है, जो 14 दिन पहले 13.06 थी। इसमें सुधार देखा गया है।”

देश में कोरोना के 33,610 मामले, 1,075 लोगों की मौत

देश में गुरुवार शाम तक कोराना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 33,610 तक पहुंच गई और बीते 24 घंटे में इस महामारी से 67 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। कुल संक्रमितों में से 24,162 सक्रिय मामलें हैं, 8,372 लोग ठीक हो चुके हैं और 1,075 लोगों की मौत हो चुकी है।

Lav Aggarwal

महाराष्ट्र इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है। जहां संक्रमितों की कुल संख्या 9,915 है, जिसके बाद गुजरात में 4,082, दिल्ली में 3,439 मामले दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 432 मौतें भी हुई हैं, जो कि अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे ज्यादा है।