नई दिल्ली। धर्म परिवर्तन मामले में अब रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। गौरतलब है कि यूपी ATS के हाथ लगे उमर गौतम धर्म परिवर्तन के इस रैकेट का अहम हिस्सा है। उसको लेकर अब जानकारी सामने आई है कि, उमर गौतम को लेकर नुरुल हुदा इंग्लिश मीडियम में टीचर का काम कर चुकीं एक महिला ने खुलासा करते हुए बताया कि, साल 2020 में उमर 20-25 मौलानाओं के साथ स्कूल आया था। इतना ही नहीं महिला टीचर ने बताया कि, मोहम्मद उमर गौतम के साथ आए मौलानाओं ने स्कूल में धर्म परिवर्तन करवाने के लिए दबाव बनाया था। वहीं इस मामले में टीचर ने बड़ा दावा करते हुए बताया कि, मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने पर लोगों की गरीबी दूर करने का लालच भी दिया था। महिला ने कहा कि, स्कूल में हिंदू बच्चों को लगातार उर्दू और अरबी पढ़ाया जा रहा था। जिसका मैंने विरोध किया था। हालांकि इस वजह से टीचर को स्कूल प्रबंधन ने बाहर भी कर दिया था।
बता दें कि स्कूल से निकालने जाने के बाद महिला टीचर ने स्कूल के प्रबंधक व उसके बेटे के खिलाफ 20 मार्च, 2021 में सदर कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आईपीसी की धारा-406, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
गौरतलब है कि बीते सोमवार(21 जून) को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) एटीएस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। जिसमें यूपी एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस मामले में 2 मौलाना को यूपी ATS ने धर दबोचा है। इसकी जानकारी यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए दी। जिसमें उन्होंने बताया कि, गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर, मोहम्मद उमर गौतम के तौर पर हुई है। दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले है।