नई दिल्ली। पिछले साल अगस्त में अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार होने वाले कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत तो मिल गई थी लेकिन अब योगी सरकार के एक और सख्त कदम से उनकी परेशानी बढ़ने वाली है। बता दें कि भड़काऊ बयान देने के मामले में कफील खान को NSA के तहत नजरबंद किया गया था। हालांकि इस मामले में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से राहत मिल गई थी और डॉ.कफील को रिहा कर दिया गया था। अब इसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया है। गौरतलब है कि गोरखपुर मेडिकल कालेज में डॉक्टर रहे डा. कफील खान पर लगे आरोपों को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बेहद गंभीर बताया है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ कफील खान पर लगे आरोपों की पूरी समीक्षा नहीं की।
बता दें कि डॉ कफील अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले से चर्चा में आये थे। वहीं नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ कफील खान को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खान पर लगाए गए एनएसए को गलत बताते हुए 1 सितंबर 2020 को NSA को हटाते हुए तुरंत रिहाई के आदेश दिए थे।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिये थे।