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यूपी : प्रवासी मजदूरों को लेकर सियासत गर्म, सरकार ने कांग्रेस से मांगी बसों की सूची

पत्र में उन्होंने लिखा है, “16 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित प्रियंका गांधी के पत्र के संबंध में आपसे यह कहना है कि प्रवासी मजदूरों के संदर्भ में आपके प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। अविलंब 1000 बसों की सूची चालक-परिचालक के नाम व अन्य विवरण सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें, जिससे इनका उपयोग श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।”

लखनऊ। कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को लेकर सरकार और विपक्ष में तनातनी जारी है। इस मामले में राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया है कि मजदूरों की मददगार बनने का स्वांग रच रही कांग्रेस से मजदूर भाइयों और बहनों के कुछ सवाल हैं। उन्होंने लिखा, “जब आपके पास 1000 बसें थीं तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड व बंगाल क्यों भेज रहे हैं।”

Priyanka Gandhi and Yogi Adityanath

इसी मामले में अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है, “16 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित प्रियंका गांधी के पत्र के संबंध में आपसे यह कहना है कि प्रवासी मजदूरों के संदर्भ में आपके प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। अविलंब 1000 बसों की सूची चालक-परिचालक के नाम व अन्य विवरण सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें, जिससे इनका उपयोग श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।”

दूसरी ओर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, “सरकार ने कांग्रेस को बस चलाने की अनुमति नहीं दी। सरकार ने कांग्रेस से बसों की लिस्ट मांगी है। कांग्रेस जल्द ही सरकार को बसों की सूची सौंपेगी। सरकार से अनुमति मिलते ही मजदूरों के लिए बस चलाएगी। 1000 बसें श्रमिकों की मदद में लगेंगीं। योगी सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। भूखे-प्यासे मजदूर आज भी पैदल चलने को मजबूर हैं।”

Migrants Worker

इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को फिर ट्वीट कर योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया है, “प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या घर जाने के लिए गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जुटी है। यूपी सरकार से कोई व्यवस्था ढंग से नहीं हो पाती। यदि एक महीने पहले इसी व्यवस्था को सुचारु रूप से किया जाता तो श्रमिकों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। कल हमने 1000 बसों का सहयोग देने की बात की, बसों को यूपी बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया तो यूपी सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें परमिशन तक नहीं दी। विपदा के मारे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उससे इंकार है।”

गौरतलब हो कि शनिवार को औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे में दो दर्जन प्रवासी काल के गाल मे सां गए। इस मामले पर विपक्षी दलों और सरकार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।