नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ की प्रयागराज में हत्या के मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। यूपी सरकार ने कैविएट में कहा है कि इस मामले में उसका पक्ष सुने बगैर कोर्ट कोई आदेश पारित न करे। दरअसल, विशाल तिवारी नाम के वकील ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने की अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी पर जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच अगले शुक्रवार यानी 28 अप्रैल को सुनवाई करने वाली है। शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या की थी। हत्या प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल कंपाउंड में की गई थी। उस वक्त अतीक और अशरफ को पुलिस मेडिकल कराने ले गई थी।
अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए यूपी सरकार ने पहले ही न्यायिक जांच आयोग बनाया है। इस आयोग में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व जिला जज बृजेश कुमार सोनी और यूपी के डीजीपी रहे सुबेश कुमार सिंह शामिल हैं। आयोग से यूपी सरकार ने 2 महीने में रिपोर्ट मांगी है। जांच आयोग ने बीते दिनों प्रयागराज जाकर अतीक और अशरफ की हत्या का रिक्रिएशन कराया था और मौके का नक्शा वगैरा तैयार कराया था। यूपी सरकार ने इसके अलावा अतीक के बेटे असद की पुलिस एनकाउंटर में मौत की जांच के लिए अलग से न्यायिक आयोग बनाने का भी एलान किया है। दोनों घटनाओं की एसआईटी जांच भी कराई जा रही है।
अतीक और अशरफ को यूपी पुलिस गुजरात की साबरमती जेल और बरेली जेल से प्रयागराज रिमांड पर लाई थी। दोनों से उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस पूछताछ कर रही थी। रिमांड खत्म होने के एक दिन पहले ही अतीक और अशरफ की हत्या कर दी गई थी। अतीक और अशरफ की बीवियां शाइस्ता परवीन और जैनब फातिमा अपनी ननद आयशा के साथ फरार हैं। इनके अलावा बमबाज गुड्डू मुस्लिम और शूटर साबिर भी अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं।