नई दिल्ली। सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद, उत्तर प्रदेश टीकाकरण में नए दैनिक रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। जबकि पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने कोविड -19 वैक्सीन की खुराक का ‘कम इस्तेमाल’ किया है जो उन्हें आपूर्ति की गई है। सीएम योगी द्वारा बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान ‘मिशन जून’ शुरू किए जाने के बाद से उत्तर प्रदेश में दैनिक टीकाकरण दर बहुत तेजी से बढ़ा है। राज्य में COVID-19 वैक्सीन की 2.07 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। जिसमें सोमवार को 4.57 लाख से अधिक खुराक दी गई। उत्तर प्रदेश में टीकाकरण अभियान पूरी तेजी से जारी है जबकि अन्य राज्य खासकर कांग्रेस शासित इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
7 जून को पूरे देश में टीके की लगभग 32,81,402 खुराकें दी गईं, जिनमें से उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में सबसे अधिक 4,57,085 टीकाकरण हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश में 3,82,224 टीकाकरण के साथ दूसरे स्थान पर है, इसके बाद पश्चिम बंगाल (2,96,843), महाराष्ट्र (2,91,592) और कर्नाटक (2,86,970) हैं।
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित कम से कम नौ राज्यों ने जनवरी और मार्च के बीच मुख्य रूप से टीके की खुराक का कम इस्तेमाल किया, जिससे इसमें देरी हुई। कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान में कमी यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इसमें समस्या का मुख्य कारण इन राज्यों द्वारा बेहतर योजना की कमी है। वहीं दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पूरजोर तरीके से टीकाकरण अभियान चला रहा है। एक करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए ‘मिशन जून’ के शुभारंभ के साथ, उत्तर प्रदेश ने वैक्सीन की 2 करोड़ खुराक देने का मील का पत्थर पार कर लिया। जिससे यह देश में वर्तमान टीकाकरण प्रक्रिया में अग्रणी बन गया है। अब तक, राज्य ने COVID-19 के खिलाफ टीके की 2,07,11, 683 खुराक दी है।
3 जून को भी, उत्तर प्रदेश ने एक दिन में सबसे अधिक टीकाकरण किया। जिससे प्रदेश में 3.82 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया। मिशन जून के तहत अब तक उत्तर प्रदेश ने केवल 6 दिनों की अवधि में 21 लाख से अधिक वैक्सीन की खुराक दी है, जो उत्साहजनक है। एक तरफ जहां कई राज्यों ने मांग की कि टीकाकरण अभियान में सभी वयस्कों को जल्दी शामिल किया जाए और इसे विकेंद्रीकृत किया जाए, भले ही वे केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई खुराक का उपयोग करने में असमर्थ थे। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश सरकार ने कंपनियों से टीके खरीदे और 18-44 आयु वर्ग में 46 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण कराया जो एक रिकॉर्ड है।
इस सब के बीच, राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यों से कोविड-19 टीकाकरण पर नियंत्रण वापस लेने और 21 जून से सभी को मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के कदम का स्वागत किया। 21 जून से सभी आयु समूहों के लिए मुफ्त टीकाकरण की घोषणा केंद्र सरकार की तरफ से की गई है। उनका यह प्रयास टीकाकरण को और गति देने वाला है।” सीएम ने अधिकारियों को केंद्र सरकार से संपर्क करते रहने और इस संबंध में उचित दिशा-निर्देश प्राप्त करने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर जोर देते हुए कि युद्ध स्तर पर कोविड टीकाकरण कार्यक्रम से महामारी की तीसरी लहर को रोकने में मदद मिल सकती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि राज्य में टीकाकरण क्षमता को तीन गुना बढ़ाया जाना चाहिए और जुलाई में प्रति दिन इसे 10 लाख तक ले जाना चाहिए। उन्होंने जुलाई में एक दिन में 10 लाख खुराक के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिकारियों को जिलेवार रणनीति तैयार करने को कहा। सीएम योगी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि जुलाई के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने के लिए 1,00,000 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों (इनोक्यूलेटर के रूप में) की आवश्यकता होगी। इस उद्देश्य के लिए नर्सिंग छात्रों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।