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Revolt: ममता के भतीजा प्रेम से TMC में नाराज नेताओं की कतार हो रही लंबी, और बढ़ सकती है विरोध की आवाज

श्रीरामपुर से सांसद और लोकसभा में टीएमसी के चीफ व्हिप कल्याण बनर्जी ने पिछले साल अभिषेक बनर्जी को निशाने पर लिया था। कल्याण बनर्जी ने कहा था कि वो सिर्फ ममता को ही अपना नेता मानते हैं। ममता के करीबी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने भी बीते दिनों अभिषेक के खिलाफ आवाज उठाई थी।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में आज से अंतर्कलह और तेज हो सकती है। वजह है पार्टी के संगठन चुनाव। संगठन चुनावों में फिर से ममता बनर्जी के ही अध्यक्ष चुने जाने के आसार हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनके भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ तमाम नेताओं ने आवाज बुलंद की है। संगठन चुनाव में अगर अभिषेक को और ताकत दी गई, तो उनके और ममता के खिलाफ विरोध की आवाजें और बुलंद हो सकती हैं। पार्टी के दो बड़े नेता कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा पहले ही अभिषेक बनर्जी के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं। ये दोनों ही नेता ममता बनर्जी के खास माने जाते हैं।

श्रीरामपुर से सांसद और लोकसभा में टीएमसी के चीफ व्हिप कल्याण बनर्जी ने पिछले साल अभिषेक बनर्जी को निशाने पर लिया था। कल्याण बनर्जी ने कहा था कि वो सिर्फ ममता को ही अपना नेता मानते हैं। कल्याण के इस बयान के बाद टीएमसी के कई नेताओं ने उनके खिलाफ अपनी राय जाहिर की थी। ममता के करीबी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने भी बीते दिनों अभिषेक के खिलाफ आवाज उठाई थी। मदन मित्रा को इस पर पार्टी की अनुशासन समिति ने चेतावनी भी दी थी। पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ये दावा कर रहे हैं कि कोई विरोध नहीं है, लेकिन इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे रहा है कि फिर कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा ने किस मसले पर अपनी आवाज बुलंद की है।

kalyan banerjee

बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों में जीत के बाद ममता ने अपने भतीजे को राष्ट्रीय महासचिव बना दिया। अभिषेक पहले ही सांसद हैं। अब उनको गोवा और अन्य राज्यों में पार्टी को आगे बढ़ाने और विधानसभा चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में पार्टी में खुद को दरकिनार पाकर तमाम नेताओं में अभिषेक और ममता के कदमों के खिलाफ नाराजगी लगातार बढ़ती ही जा रही है।