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UP: गोरखपुर के बाहुबली के परिवार को बीजेपी ने ठुकराया, अखिलेश ने सपा में लेकर कहा- अब हमें कोई हरा नहीं सकता

इस बीच, बीजेपी की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मीडिया को बताया कि हरिशंकर तिवारी के परिजनों ने बीजेपी में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उनके इतिहास को देखते हुए पार्टी में शामिल नहीं कराया गया।

लखनऊ। गोरखपुर के बाहुबली बुजुर्ग नेता हरिशंकर तिवारी का परिवार आज समाजवादी पार्टी यानी सपा में शामिल हो गया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरिशंकर तिवारी के विधायक बेटे विनय शंकर तिवारी, दूसरे बेटे और पूर्व सांसद कुशल तिवारी और हरिशंकर तिवारी के रिश्तेदार और यूपी विधान परिषद के सभापति रहे गणेश पांडेय को सपा की सदस्यता दिलाई। अखिलेश ने इस मौके पर कहा कि अब समाजवादी पार्टी का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। साथ ही वो ये भी बोले कि हमें डर लगता है कि कहीं योगी सरकार का बुलडोजर हमारी पार्टी की तरफ न आ जाए। दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था कि जहां भी माफिया या गुंडा तत्व कोई गड़बड़ी करेंगे, वहां सरकार बुलडोजर भेजेगी। खास बात ये कि हरिशंकर तिवारी के बेटों और रिश्तेदार के सपा में शामिल होने पर बीजेपी ने बड़ा खुलासा भी किया है।

laxmikant vajpayee

बीजेपी की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मीडिया को बताया कि हरिशंकर तिवारी के परिजनों ने बीजेपी में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उनके इतिहास को देखते हुए पार्टी में शामिल नहीं कराया गया। कुशल तिवारी पिछले लोकसभा चुनाव में हार गए थे। वहीं, विनय शंकर तिवारी हाल तक बीएसपी में थे। विनय ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अपने पिता की सीट रही गोरखपुर के चिल्लूपार से चुनाव जीता था। बीते दिनों बीएसपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से विनय शंकर तिवारी, कुशल तिवारी और गणेश पांडेय को निकाल दिया था। तभी से तिवारी परिवार किसी ठौर की तलाश में था। गौरतलब है कि हरिशंकर तिवारी न तो बीएसपी में गए थे और न ही अब सपा में आए हैं।

harishankar tiwari

कुल मिलाकर बात इतनी है कि बीजेपी ने बाहुबली के परिवार को जगह नहीं दी, लेकिन सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाथ जोड़कर उनका स्वागत करते हुए अपनी पार्टी में जगह दे दी। बात करें हरिशंकर तिवारी की, तो पूरे पूर्वांचल में एक दौर में उनका दबदबा था। तमाम ठेके उनको और उनके खास लोगों को मिलते थे। वो यूपी में कांग्रेस की सरकार में भी मंत्री रहे। जब बीएसपी ने बीजेपी को धोखा देकर सरकार गिरानी चाही, तो हरिशंकर तिवारी उस वक्त बीजेपी के साथ खड़े हो गए और कल्याण सिंह को समर्थन देने में जरा भी हिचक नहीं दिखाई। सत्ता के साथ हमेशा रहने वाला तिवारी परिवार अब सपा में है। हरिशंकर तिवारी काफी बुजुर्ग हैं और राजनीति से फिलहाल दूर ही हैं। गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से तिवारी और उनके बेटे ही जीतते आए हैं। अब उम्मीद है कि सपा फिर विनय शंकर तिवारी को चिल्लूपार से टिकट देगी।