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UP: योगी सरकार के दमदार कार्यकाल से पूर्वांचल के माथे से मिटा बीमारू का कलंक, मिली कई मेडिकल कॉलेजों की सौगात

Yogi Government: बीते चार सालों में गोरखपुर-बस्ती मंडल में तीन नए मेडिकल कॉलेज बने हैं। एक निर्माणाधीन है, तो दो शेष जिलों में प्रस्तावित हैं। 2017 तक इस क्षेत्र में सिर्फ गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज था।

लखनऊ। चार साल पहले तक पूर्वांचल के माथे पर बीमारू का कलंक यूं ही नहीं था। योगी आदित्यनाथ की सरकार के पहले गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों के अलावा आजमगढ़, मऊ, बिहार व नेपाल के सीमाई इलाकों की चिकित्सा सुविधाओं का सारा दारोमदार अकेले गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज पर ही था। 1977 से पूर्वी उत्तर प्रदेश पर कहर बरपाती इंसेफेलाइटिस महामारी और इतनी बड़ी आबादी, उस पर इलाज का एकमात्र केंद्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था। सांसद योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हालात अब बिलकुल बदल चुके हैं। उनके नेतृत्व में पूर्वांचल को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं वाले गोरखपुर एम्स की सौगात मिली है। बस्ती, सिद्धार्थनगर और देवरिया में मेडिकल कॉलेज तकरीबन बन गए हैं। कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रक्रियाधीन है, तो बाकी दो जिलों महराजगंज और कुशीनगर में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने का बजट में ऐलान कर दिया गया है।

Yogi Adityanath Nandigram Sagar WB

पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं की बेहतरी को लेकर योगी आदित्यनाथ अपने लगातार पांच बार के संसदीय कार्यकाल में लोकसभा में यहां के लोगों की आवाज उठाते रहे। गोरखपुर में 1000 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना का श्रेय उन्हीं को जाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यह बात कह चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास की तमाम परियोजनाओं के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने विजन को साकार किया। बीआरडी मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेशलिटी समेत अन्य अत्याधुनिक संसाधनों से सुदृढ़ किया, तो अन्य जिलों के मरीजों को भागदौड़ से बचाने को जिलों में ही मेडिकल कॉलेज खोले।

yogi adityanath in BRD medical college Gorakhpur

चार सालों में तीन नए मेडिकल कॉलेज तैयार, एक निर्माणाधीन, तो दो प्रस्तावित

बीते चार सालों में गोरखपुर-बस्ती मंडल में तीन नए मेडिकल कॉलेज बने हैं। एक निर्माणाधीन है, तो दो शेष जिलों में प्रस्तावित हैं। 2017 तक इस क्षेत्र में सिर्फ गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज था। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बस्ती जिले में 200 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज सेवप्रदायी हो चुका है। देश के अति पिछड़े जिलों में शुमार रहे सिद्धार्थनगर में 226 करोड़ रुपए की लागत से और देवरिया में 207 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज लगभग बन चुका है। कुशीनगर में 282 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य प्रक्रिया में है। महराजगंज में भी योगी सरकार पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की बात इस बार के बजट में कह चुकी है। 27 फरवरी को महराजगंज में विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह में आए मुख्यमंत्री ने जिले में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा भी की।

मेडिकल की पढ़ाई का हब बन जाएगा गोरखपुर-बस्ती मंडल

गोरखपुर-बस्ती मंडल में नए मेडिकल कॉलेजों से बेहतरीन चिकित्सकीय सेवा के साथ यह क्षेत्र मेडिकल की पढ़ाई का भी हब बन जाएगा। 2017 तक इस अंचल में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए सिर्फ गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही 100 सीटें थीं। योगी सरकार में बीआरडी में यह संख्या 150 हो गई है, तो 500 बेड की चिकित्सा सुविधा वाले बस्ती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों पर पढ़ाई शुरू हो चुकी है। देवरिया और सिद्धार्थनगर के मेडिकल कॉलेज भी 100-100 सीटों की मान्यता हासिल कर एमबीबीएस की पढ़ाई को तैयार हैं। कुशीनगर के निर्माणाधीन, महराजगंज और संतकबीरनगर के प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आते ही इन मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस की 100-100 सीटें मिल जाएंगी। भविष्य में गोरखपुर-बस्ती मंडल में मेडिकल कॉलेजों से 750 छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे।