नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट से फटकार सुनने को मिली है। बता दें कि बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि आखिर जब लोगों के लिए दूसरी डोज का इंतजाम नहीं हो पा रहा तो फिर इतना जोर-शोर से टीकाकरण केंद्र क्यों खोले जा रहे हैं। गौरतलब है कि बुधवार को दिल्लीवासियों के टीकाकरण को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार से कहा कि, लोगों को निर्धारित समय सीमा में कोवैक्सीन की दोनों खुराक मिलने को लेकर यदि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित नहीं कर सकती कि, तो फिर ‘‘इसने जोर-शोर’’ से इतने टीकाकरण केंद्र शुरू नहीं करने चाहिए थे।
इस मामले को लेकर न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि, क्या वह कोवैक्सीन की पहली खुराक ले चुके लोगों को छह सप्ताह की समय सीमा समाप्त होने से पहले दूसरी डोज उपलब्ध करा सकते हैं। अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में कोवैक्सीन और कोविशील्ड की दोनों खुराक उपलब्ध कराने का अनुरोध करने वाली दो याचिकाओं पर केंद्र को भी नोटिस जारी किया।
वहीं कोरोना के मामलों को लेकर बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1.64 करोड़ से अधिक टीके मौजूद हैं। राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र ने अभी तक निशुल्क और राज्यों द्वारा सीधे तौर पर खरीदने पर 23 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध कराए हैं। मंत्रालय ने जानकारी दी कि, इसमें से 21,71,44,022 टीकों की खपत हुई है लेकिन इस नंबर में खराब हुए टीके भी शामिल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कुल 1,64,42,938 कोविड-19 रोधी टीके अब भी मौजूद हैं।