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Delhi: केजरीवाल सरकार ने मारा गरीबों का हक, मुफ्त राशन देने का एलान साबित हुआ झूठा

न्यूजरूम पोस्ट डॉट कॉम ने भी खानपुर, अंबेडकर नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश और शाहपुर जट के सरकारी स्कूलों में मुफ्त राशन योजना की जांच की और पाया कि कहीं भी राशन नहीं दिया जा रहा है। स्वामीनगर और लाल गुंबद बस्ती के लोगों ने बताया कि उन्हें बिना राशन हर रोज लौटना पड़ रहा है।

नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार गरीबों और मजलूमों का हक मार रही है। ये हम नहीं कह रहे। दिल्ली रोजी रोटी अधिकार अभियान संस्था DRRAA के सर्वे में ये खुलासा हुआ है। संस्था ने ये सर्वे 11 से 13 जनवरी के बीच 282 में से 62 उन स्कूलों में किया, जहां बिना राशन कार्ड वालों को भी केजरीवाल सरकार ने राशन देने का एलान किया था। सर्वे मौके पर जाकर और लाभार्थियों से टेलीफोन के जरिए बात करके किया गया। इन सभी लाभार्थियों ने बताया कि उन्हें मुफ्त राशन का लाभ केजरीवाल सरकार नहीं दे रही है। न्यूजरूम पोस्ट डॉट कॉम ने भी खानपुर, अंबेडकर नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश और शाहपुर जट के सरकारी स्कूलों में मुफ्त राशन योजना की जांच की और पाया कि कहीं भी राशन नहीं दिया जा रहा है। स्वामीनगर और लाल गुंबद बस्ती के लोगों ने बताया कि उन्हें बिना राशन हर रोज लौटना पड़ रहा है।

ration

DRRAA ने इससे पहले अपने सर्वे में पाया था कि जिन स्कूलों से राशन देने की बात थी, वहां अनाज तक नहीं था। संस्था ने बाकायदा सीएम अरविंद केजरीवाल को 14 जनवरी को लिखी चिट्ठी में इसका जिक्र किया है। संस्था ने लिखा है कि मुफ्त राशन न दिया जाना सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों का सीधा उल्लंघन है और प्रवासी मजदूरों और मजलूमों को कोरोना काल में हर हाल में राशन मिलना चाहिए। चाहे उनके पास राशन कार्ड हो या न हो। संस्था ने ये भी लिखा है कि कोरोना की मौजूदा लहर ने ऐसे लोगों पर और मुसीबत डाल दी है और उनकी आर्थिक हालत खराब हो चुकी है।

Ration card

संस्था की अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मार्च 2022 तक मुफ्त राशन देने की बात कही है। साथ ही दिल्ली सरकार ने खुद एलान किया था कि अगले कुछ महीनों तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। DRRAA ने कहा है कि राशन दिया तो जा रहा है, लेकिन उन्हीं लोगों को ये मिल रहा है जिनके पास राशन कार्ड हैं। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें खाद्य सुरक्षा कानून के तहत कोई राहत नहीं दी जा रही है। जबकि, राशन पाना उनका भी अधिकार है।