नई दिल्ली। चलिए, चलते हैं उत्तर प्रदेश, और बात करते हैं, वहां की राजनीति की, आजकल वहां की सियासी फिजा का पारा गरमाया हुआ है। मसले तो बेशुमार हैं। लेकिन आजकल अखिलेश बनाम आजम का मसला खासा सुर्खियों में है। आजम के बारे में तो आपको पता ही होगा कि बीते 27 महीने जेल की सलाखों में काटकर आएं। आजम मियां ने जेल से रिहाई मिलने के बाद कुछ वक्त परिवार संग बिताए। फिर मीडिया मुखातिब हुए। मीडिया ने तो उन पर सवालों की बौछार बहा दी। हालांकि, आजम मियां मीडिया के किसी भी सवालों की सीधा-सीधा जवाब देने से बचते रहे, लेकिन इस बीच उन्होंने जो भी कहा, उसे लेकर सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन इस दौरान सर्वाधिक चर्चा में अखिलेश और आजम की नाराजगी का मसला खासा सुर्खियों में है।
माना जा रहा है कि आजम को इस बात का गम है कि जेल में रहने के दौरान अखिलेश ने उनसे मुखातिब होने की तनिक भी जहमत नहीं उठाई। जिसकी टिस अभी-भी उनके दिल में बरकरार है। मीडिया द्वारा भी उनसे इस संदर्भ में सवाला किया गया तो उन्होंने किसी भी प्रकार की नाराजगी की बात से इनकार किया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि वे भला किसी से क्यों नाराज रहेंगे। लेकिन बेशक उन्होंने नाराजगी की बातों का खंडन कर दिया हो, लेकिन उनके मौजूदा हावभाव यह बयां करने के लिए पर्याप्त है कि वे अभी-भी अखिलेश यादव से नाराज हैं। अब दोनों के बीच नाराजगी का यह सिलसिला कब तक चलेगा। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन इस बीच कुछ ऐसा ही वाकया आज उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान देखने को मिला, जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति में चर्चा का बाजार गुलजार कर दिया है।
दरअसल, विधानसभा सत्र संपन्न होने के बाद अखिलेश यादव आजम खान से महज 10 मीटर की दूरी पर ही खड़े थे, लेकिन अफसोस दोनों में से किसी ने भी एक दूसरे वार्ता करने की जमहत नहीं उठाई, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि नाराजगी की खाई कुछ गहरी हो चुकी है। इस दौरान न ही अखिलेश ने वार्ता करने की जहमत उठाई और न ही आजम ने। जिसका वीडियो भी प्रकाश में आया है और लोग इस पर अलग- अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वाकये के बाद अब आजम के उस कथन को भी सवालिया अंदाज में देखा जा रहा है, जिमसें उन्होंने कहा था कि वे भला किसी से क्यों नाराज रहेंगे। लेकिन नहीं…उन्होंने हावभाव ये बता रहे हैं कि वे नाराज तो हैं और अब यह नाराजगी आगे चलकर उत्तर प्रदेश की राजनीति की क्या दिशा व दिशा तय करती। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आपको बता दें कि दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे से 10 मिनट तक वार्ता नहीं की थी।
ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण का जब सपा नेताओं ने द्वारा विरोध किया गया तो इसमें शिवपाल और आजम के समर्थकों ने भी सपाइयों के विरोधी जमात से खुद को अलहदा रखा। जिसके बाद से सूबे की राजनीति में नई बहस शुरू हो चुकी है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम