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Delhi :मेंटल हेल्थ पर कार्यक्रम ‘मिशन संभाल’ के अंतर्गत डीयू के दौलतराम कॉलेज में आयोजित हुआ तनाव प्रबंधन पर वेबिनार

Delhi : वेबिनार के दौरान उपस्थित अभाविप के आयाम विकासार्थ विद्यार्थी के राष्ट्रीय संयोजक राहुल गौड़ ने कहा कि,विकासार्थ विद्यार्थी छात्रों में मेंटल हेल्थ से जुड़े विषयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही जिसके तहत आज हमने वेबिनार आयोजित कराया जिसमें छात्रों के तनाव को कम करने जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर सार्थक चर्चा हुई।वास्तव में मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखना आज के समय में विश्व के सामने बड़ी चुनौती है प्रकृति के साथ जुड़ाव,योग ध्यान,अपनी परम्पराओं और संस्कारों से जुड़े रहना भी इसका एक समाधान हो सकता है।

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आयाम विकासार्थ विद्यार्थी( एसएफडी) ने शनिवार को मेंटल हेल्थ पर कार्यक्रम ‘मिशन संभाल’ के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए तनाव प्रबंधन विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार में विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान होने वाले तनाव और उसका बेहतर प्रबंधन करने के तरीकों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा बताया गया। परीक्षा के तनाव को कैसे प्रबंधित करें आदि पक्षों पर जानकारी दी गयी।

इस वेबिनार के वक्ता के रुप में उपस्थित ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय की प्रोफेसर गरिमा जैन ने बताया कि विद्यार्थी जीवन चुनौतियों से भरा है। शिक्षा अर्जित करने के दौरान प्रौढ़ किशोर मन को बहुत नियन्त्रित करना होता है। मनःस्थिति अनियंत्रित होने से आत्मघाती परिणाम देखने को मिलते हैं। आत्महत्या रोकने के लिए हमें लोगों की मन की स्थिति को समझना होगा तथा छात्रों के अनुकूल एक सकारात्मक वातावरण अपने संस्थान में उपलब्ध कराना होगा। आज विभिन्न स्तरों पर सकारात्मक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के तनाव को कम किया जाना चाहिए।

वेबिनार के दौरान उपस्थित अभाविप के आयाम विकासार्थ विद्यार्थी के राष्ट्रीय संयोजक राहुल गौड़ ने कहा कि,विकासार्थ विद्यार्थी छात्रों में मेंटल हेल्थ से जुड़े विषयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही जिसके तहत आज हमने वेबिनार आयोजित कराया जिसमें छात्रों के तनाव को कम करने जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर सार्थक चर्चा हुई।वास्तव में मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखना आज के समय में विश्व के सामने बड़ी चुनौती है प्रकृति के साथ जुड़ाव,योग ध्यान,अपनी परम्पराओं और संस्कारों से जुड़े रहना भी इसका एक समाधान हो सकता है। दौलतराम कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ दिव्या माथुर ने कहा कि अभिभावकों और अध्यापकों को बच्चों पर पढ़ाई के लिए दबाव नहीं देना चाहिए। अगर हम उन्हें स्वस्थ्य माहौल देंगे तो विद्यार्थी स्वयं पढ़ाई के लिए आगे आयेंगे, इस वेबिनार में दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों से छात्रों की उपस्थिति रही।