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Assam : जब अमित शाह की हुई जबरदस्त पिटाई, खुद बताया किस्सा

असम : हम नारे लगाते थे- ‘असम की गलियां सूनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी हैं’। हमने यहां खूब मार खाई लेकिन उस वक्त हमें भरोसा नहीं था कि एक दिन भाजपा अपने बूते पर यहां असम में एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार अपनी सरकार बनाकर विकास का रास्ता प्रशस्त करेगी।”

असम : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस वक्त पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर हैं। उन्होंने असम में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन किया। इस जनसभा में मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल रहे। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम सरकार से कहा कि वह पूर्वोत्तर राज्य को दशकों तक बाढ़ से बचाने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार करे ताकि और अधिक विकास हो सके। गौरतलब है कि असम में हर साल बाढ़ से भारी नुकसान होता है। इस जनसभा के दौरान अमित शाह ने अपने असम यात्रा से जुड़े पुराने किस्से सुनाए।

 

असम में तो मैंने खूब मार खाई है..

उन्होंने कहा- “मैं भी यहां असम में विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में पहले आया था, उस दौरान हमने खूब विद्यार्थी जीवन में विरोध प्रदर्शन के बीच मार खाई। हम नारे लगाते थे- ‘असम की गलियां सूनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी हैं’। हमने यहां खूब मार खाई लेकिन उस वक्त हमें भरोसा नहीं था कि एक दिन भाजपा अपने बूते पर यहां असम में एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार अपनी सरकार बनाकर विकास का रास्ता प्रशस्त करेगी।”

इसके साथ ही असम को बाढ़ मुक्त बनाने के तरीकों पर विचार करने के लिए यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि अगर राज्य को और विकास करना है और महत्वपूर्ण निजी निवेश आकर्षित करना है, तो बाढ़ से सुरक्षा जरूरी है जो राज्य की एक बारहमासी समस्या है।

शाह ने कहा, ‘‘राज्य के विकास और महत्वपूर्ण निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए बाढ़ से सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। राज्य सरकार को अल्पकालिक योजनाओं से परे जाना चाहिए और एक दीर्घकालिक योजना के साथ आना चाहिए, जो कि आने वाले दशकों में बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करे।’’

गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के लिए केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाओं और निरन्तर कार्य कर रही है ऐसे में अमित शाह का ये दौरा राजनीतिक के साथ रणनीतिक महत्व का भी है।