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योगी सरकार में फीका पड़ा मुख्तार की मूंछों का रौब, अब नहीं मिलेगा पंजाब सरकार का सहारा

Mukhtar ansari: पहला मुकदमा गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने का है, जो धारा 467,468,420,120बी के तहत 4 दिसंबर 1990 को दर्ज हुआ था, जोकि एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रयागराज में विचाराधीन है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराधियों और बाहुबलियों पर योगी सरकार लगातार शिकंजा कसती जा रही है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का ही नतीजा है कि इन दिनों मुख्तार अंसारी जैसे गैंगस्टर से नेता बने हिस्ट्रीशीटर अपराधी मुख्तार अंसारी की मूंछों का रौब भी फीका पड़ गया है। पंजाब सरकार के भरोसे अपनी साख बचाने की कोशिश करने वाले मुख्तार अंसारी के सपनों पर पानी फिर गया है, वो पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल क्या आया.. ऐसा लगता है उसके गुनाहों का मुकद्दर उसे यहां खींच लाया है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मुख्तार अंसारी पर 15 विचाराधीन मुकदमों में जल्द से जल्द सजा दिए जाने के प्रयास में लगी है। कहने को तो मुख्तार के गुनाहों की लिस्ट काफी लंबी है। लेकिन जो 15 गंभीर आपराधिक मुकदमे अभी कोर्ट में विचाराधीन है। उसका चिट्ठा भी योगी सरकार ने जारी कर दिया है।

Mukhtar Ansari don

पहला मुकदमा गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने का है, जो धारा 467,468,420,120बी के तहत 4 दिसंबर 1990 को दर्ज हुआ था, जोकि एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रयागराज में विचाराधीन है। दूसरा , वाराणसी के चेतगंज थाने में धारा 147,178,149,302 के तहत दर्ज हुआ मुकदमा भी एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रयागराज में विचाराधीन है। तीसरा मुकदमा गाजीपुर कोतवाली में धारा 3 (1) यूपी गैंगस्टर के तहत दर्ज किया गया था, जो प्रयागराज कोर्ट में विचाराधीन है। चौथा मुकदमा गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में 302 के तहज दर्ज किया है, जो न्यायालय में विचाराधीन है। पांचवा मुकदमा वाराणसी के भेलूपुर में धारा 506 के तहत दर्ज हुआ था, जो एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रयागराज में विचाराधीन है।

वहीं मुख्तार अंसारी के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज दोहरे हत्याकांड का है। धारा 302,307,120बी,34 व 7 सीएलए एक्ट व 25 आमर्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया था, जो अभी विचाराधीन है। इस मुक़दमे का ट्रायल अब आख़िरी दौर में है और अगले कुछ महीने बाद ही फैसला आ सकता है। इस मामले में मुख़्तार पर जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचने का आरोप है। वहीं सातवां मुकदमा भी गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई का ही है। इस मामले में गाज़ीपुर के करंडा कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। जो अभी एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में विचाराधीन है।

Mukhtar Ansari YOgi

वहीं आठवां मुकदमा भी गैंगस्टर एक्ट के तहत मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज है। नवां मुकदमा आजमगढ़ के तरवां थाने में धारा 147,148ख,149,302,307,506,120बी व 7 सीएलए एक्ट के तहत दर्ज किया गया था जोकि कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं 10वां और 11वां मुकदमा मोहाली (पंजाब) के माठौर थाने और मऊ के दक्षिण टोला में दर्ज हुआ था। जो अभी कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं 12वां मुकदमा आगरा के जगदीशपुर थाने में धारा 419,420,109,120बी के तहत दर्ज है, जो विचाराधीन चल रहा है। 13वां मुकदमा राजधानी लखनऊ के आलमबाग थाने में 147,336,353,506 के तहज दर्ज है, वहीं 14वां मुकदमा गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज है, जो एमपी-एमएल कोर्ट प्रयागराज में विचाराधीन है। 15वां मुकदमा गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में धारा 307,506,120बी के तहत दर्ज है जो कोर्ट में विचाराधीन हैं।

यह उन मुकदमों की फेहरिस्त है जिन पर अभी फैसला आना बाकी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मुख्तार के यूपी लाए जाने के बाद उसके खिलाफ विचाराधीन मामलों में जल्द जल्द से तमाम गवाह पेश कर उसे सजा दिलाने की तैयारी में है। जाहिर है ये वो मुकदमें जो मुख्तार के काले कारनामों का चिट्ठा खोलते है। पंजाब में होने की वजह से इन मुकदमों में कोर्ट में तलबी आदेशों के बावजूद पेशी नहीं होने के कारण सुनवाई में अड़चनें आ रही थीं, लेकिन उसके यूपी आने के साथ ही इन मुकदमों में तेजी आएगी और खास करके जो मामलों की सुनवाई आखिरी दौर में है उन मामलों में उसको सजा के अंजाम तक भी पहुंचाया जाएगा।