newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Omicron In India: कब टूटेगा तीसरी लहर का तिलिस्म?, ओमिक्रॉन पर क्या है ‘गुड न्यूज’ ?

Omicron In India: ओमिक्रॉन को लेकर एक अच्छी और एक बुरी बात है। अच्छी बात ये कि इससे संक्रमित ज्यादातर मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं हैं और बुरी बात ये कि ओमिक्रॉन डेल्टा से 4-5 गुना तेजी से फैल रहा है, अगर ओमिक्रॉन की तुलना डेल्टा से करें तो तीसरी लहर के पीक पर एक दिन में कोरोना के करीब 16-20 लाख तक नए केस आ सकते हैं।

नई दिल्ली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से देश में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। दुनियाभर में ओमिक्रॉन अब डेल्टा वैरिएंट की जगह डोमिनेंट वैरिएंट बन चुका है। भारत में ओमिक्रॉन की एंट्री 2 दिसंबर को हुई थी, इसके बाद ये तेजी से फैला और करीब 1 महीने में ही इसके मामलों की संख्या बढ़कर लगभग 1900 तक पहुंच चुकी है। एक हफ्ते के अंदर देश में कोरोना संक्रमण की दर लगभग तीन गुना बढ़ चुकी है। आज कुछ राज्यों को छोड़कर देश के ज्यादातर राज्यों में ओमिक्रॉन के केसेज़ मौजूद हैं। कोरोना का ये वैरिएंट दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे मेट्रो सिटीज़ के लिए सबसे बड़ी चिंता बना हुआ है, जहां इसके केस ने एक ही महीने में रफ्तार पकड़ ली है। इन महानगरों में ओमिक्रॉन के कुल मामलों के 75% संक्रमित मिल रहे हैं। देश में ओमिक्रॉन के 1892 केस आधिकारिक तौर पर दर्ज हुए हैं जिसमें सबसे ज्यादा 568 मामले महाराष्ट्र और 382 मामले दिल्ली से दर्ज किए गए हैं। देश में कोरोना के मामलों में भी 22% की बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले 4-5 दिनों की रिपोर्ट ये इशारा करती है कि भारत में साफतौर पर तीसरी लहर आ चुकी है।

ओमिक्रॉन को लेकर एक अच्छी और एक बुरी बात है। अच्छी बात ये कि इससे संक्रमित ज्यादातर मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं हैं और बुरी बात ये कि ओमिक्रॉन डेल्टा से 4-5 गुना तेजी से फैल रहा है, अगर ओमिक्रॉन की तुलना डेल्टा से करें तो तीसरी लहर के पीक पर एक दिन में कोरोना के करीब 16-20 लाख तक नए केस आ सकते हैं। इस दौरान 40-60 हजार मरीजों को हॉस्पिटलाइज करने की जरूरत पड़ सकती है यानि जैसे-जैसे मरीज बढ़ेंगे उसी अनुपात में गंभीर मरीज भी बढ़ते जाएंगे और अगर ऐसा होता है तो ये हमारे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नई चुनौती पैदा कर सकता है।

Omicron

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बीते साल दूसरी लहर की पीक के दौरान भारत में हर रोज़ 4 लाख के करीब नए केसेज़ आ रहे थे और इनमें से करीब 25 हजार को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था। अब माना ये जा रहा है कि ओमिक्रॉन की वजह से रोजाना 16-20 लाख तक नए केस आ सकते हैं और इनमें से 40-60 हजार को हॉस्पिटलाइज करना होगा। आपने देखा होगा जब दूसरी लहर के दौरान 25 हजार लोगों को हॉस्पिटलाइज करना पड़ा था तब स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल हुआ था। अब अगर 40-60 हजार लोगों को हॉस्पिटालइज करने की नौबत आई तो स्थिति बेहद भयावह हो सकती है। ऐसे हालात पैदा न हों इसके लिए ज़रूरी है कि आप भी कोरोना नियमों और सरकारी गाइडलाइंस का पालन ज़रूर करें।